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मंगल देवनागरी वालों के लिए
created Jul 27th 2017, 13:21 by sonuthakur1193774
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भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था का पूर्ण सदस्य बन गया है चीन और कुछ अन्य देशों के कड़े विरोध के कारण भारत एनएसजी की सदस्यता हासिल करने से वंचित रह गया था एमटीसीआर में भारत की सदस्यता किसी भी बहुपक्षीय नियंत्रण व्यवस्था में इसका पहला प्रवेश है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि हमने पिछले साल एमटीसीआर की सदस्यता के लिए आवेदन किया था और इसकी सारी प्रक्रियात्मक औपचारिकताएं पूरी कर ली गयी थी। विदेश सचिव एस जयशंकर ने फ्रांस, नीदरलैण्डस और लक्जेमबर्ग के राजदूतों की मौजूदगी में एमटीसीआर में शामिल होने के दस्तावेज पर जून 2016 में हस्ताक्षर किये। इस समूह के 35वें सदस्य के रूप में भारत का प्रवेश अन्तर्राष्ट्रीय अप्रसार के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में परस्पर लाभकारी सिद्ध होगा। भारत ने अपनी सदस्यता का समर्थन करने वाले एमटीसीआर के बाकी 34 सदस्यों में से प्रत्येक का शुक्रिया अदा किया है। विशेष तौर से, एमटीसीआर के सहअध्यक्षों नीदरलैण्डस के राजदूत पीटर डि क्लार्क लक्जेमबर्ग के रॉबर्ट स्टीनमेट्ज का भी भारत ने शुक्रिया अदा किया है। पेरिस में एमटीसीआर के पाइंट ऑफ कांटेक्ट ने इस समूह में भारत को शामिल किये जाने से जुड़े निर्णय की जानकारी नयी दिल्ली स्थित फ्रांसिसी दूतावास, नीदरलैण्डस और लग्जेमबर्गस के दूतावासों के माध्यम से पहुँचायी।
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