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Suryakant Pavaiya (बीवी की जी हुजूरी करनी होगी)
created Nov 21st 2017, 07:56 by SURYAKANT PAVAIYA
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आप शादीशुदा जिंदगी में शांति बनाए रखना चाहते है तो आपको बीवी की जी हुजूरी करनी होगी। पतियों के लिए यह सलाह किसी मैरिज काउंसलर ने नहीं दी है बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कहा है। अदालत का कहना है कि बीवी जो कहती है वो सुनो वरना मुश्किल हो सकती है।
अवकाशकालीन पीठ ने कहा है कि यदि आप अपनी पत्नी की बात नहीं सुनते हैं तो आपको इसके परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। पीठ ने यह भी जोड़ा कि हम सब भोगी है अर्थात् पीठ ने यह भी कहा है कि पति को उसकी पत्नी की सलाह माननी ही पड़ती है चाहे उसकी बात तर्कसंगत हो या नहीं। यदि आपकी पत्नी कहती है कि अपना मुंह उधर फेर लो, तो उधर फेर लो और यदि आपकी पत्नी कहती है कि मुंह इधर करो तो मुंह इधर कर लो। यह याचिका सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को वैवाहिक विवाद से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान दिया। इसमें वायु सेना के अधिकारी दीपक कुमार ने अलग रह रही अपनी पत्नी मनीषा पर उनकी और उनके परिवार की जिंदगी दुश्वार करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पत्नी उन्हें झूठे आपराधिक मामलों में फंसाकर परेशान कर रही है।
दीपक और मनीषा की शादी 17 साल पहले हुई थी लेकिन इसके कुछ दिन बाद ही दोनों के बीच तनाव हो गया। चंडीगढ की अदालत ने मनीषा के विरोध के चलते दीपक की तलाक की अर्जी खारिज कर दी। लेकिन हरियाणा और पंजाब कोर्ट ने तलाक की अनुमति दे दी और साथ ही दीपक से मनीषा को दस लाख रुपये देने को कहा। हाई कोर्ट के आदेश को मनीषा ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। अदालत ने इस मामले की सुनवाई को जुलाई के आखिरी सप्ताह के लिए टाल दिया है।
अवकाशकालीन पीठ ने कहा है कि यदि आप अपनी पत्नी की बात नहीं सुनते हैं तो आपको इसके परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। पीठ ने यह भी जोड़ा कि हम सब भोगी है अर्थात् पीठ ने यह भी कहा है कि पति को उसकी पत्नी की सलाह माननी ही पड़ती है चाहे उसकी बात तर्कसंगत हो या नहीं। यदि आपकी पत्नी कहती है कि अपना मुंह उधर फेर लो, तो उधर फेर लो और यदि आपकी पत्नी कहती है कि मुंह इधर करो तो मुंह इधर कर लो। यह याचिका सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को वैवाहिक विवाद से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान दिया। इसमें वायु सेना के अधिकारी दीपक कुमार ने अलग रह रही अपनी पत्नी मनीषा पर उनकी और उनके परिवार की जिंदगी दुश्वार करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पत्नी उन्हें झूठे आपराधिक मामलों में फंसाकर परेशान कर रही है।
दीपक और मनीषा की शादी 17 साल पहले हुई थी लेकिन इसके कुछ दिन बाद ही दोनों के बीच तनाव हो गया। चंडीगढ की अदालत ने मनीषा के विरोध के चलते दीपक की तलाक की अर्जी खारिज कर दी। लेकिन हरियाणा और पंजाब कोर्ट ने तलाक की अनुमति दे दी और साथ ही दीपक से मनीषा को दस लाख रुपये देने को कहा। हाई कोर्ट के आदेश को मनीषा ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। अदालत ने इस मामले की सुनवाई को जुलाई के आखिरी सप्ताह के लिए टाल दिया है।
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