Text Practice Mode
हाईकोर्ट हाईकोर्ट
created Aug 10th 2018, 09:22 by RanjeetKatiyar
2
311 words
0 completed
0
Rating visible after 3 or more votes
00:00
माननीय सभापति महोदय, मै आपकी अनुमति से, शिक्षामंत्री जी ने जो प्रस्ताव सदन के सामने प्रस्तुत किया है, उसका समर्थन करने के लिए खड़ा अवश्य हुआ हूँ लेकिन क्या माननीय मंत्री महोदय जी यह बताने के कृपा करेंगे कि हमारे देश में शिक्षा की नीति का आधार क्या है। शिक्षा की नीति में सबसे प्रमुख बातें क्या होनी चाहिए। इस सम्बन्ध में मेरे विचार इस प्रकार हैं कि अपने देश में वे तमाम बच्चे जो पढ़ना चाहते हैं या जिसके माता पिता बढ़ाना चाहते है उनको शिक्षा प्राप्त करने का अवसर सुलभ होना चाहिए दूसरी बात यह है कि हमारे देश के गरीब लोगों के लिए शिक्षा सस्ती होनी चाहिए और तीसरी बात यह है शिक्षा मिलने के बाद इस बात की गारन्टी होनी चाहिए कि जो लोग पढ़-लिख कर निकलें उनकों किसी न किसी काम में लगाया जा सकें।
मेरा आशय यह है कि शिक्षा नीति को इन तीन कौसटियों को ध्यान में रखकर व्यावहार में लाया जाना चाहिए। क्या शिक्षा नीति यहाँ की सस्ती है, क्या सभी सुलभ है तथा क्या वह रोजगार तलब है। मान्यवर इन तीन कसौटियों पर विचार करने के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुँचेगे और यह सदन भी इस निष्कर्ष पर पहुँचेगा कि न तो शिक्षा सुलभ है न सस्ती है और न यह रोजगार तलब है। आज शिक्षा के अन्दर भी वर्ग बने हुए है। क्या शिक्षा हाई क्लास के लोगों के लिए है जो कि उन लोगों को पब्लिक स्कूलों के माध्यम से दी जाती है और वहाँ पर जो बच्चे पढ़ते हैं उन पर कई सौ रुपये प्रति माह व्यय होता है।
दूसरी शिक्षा कामन विद्यार्थियों के लिए है, साधारण विद्यार्थियों के लिए है, साधारण विद्यार्थियों का अर्थ है गांवों के गरीब बच्चे, जहाँ स्कूल में टाट पट्टी भी नहीं है तथा बैठने के लिए भवन भी नहीं है, वहाँ पर किताब भी नहीं है, जहाँच पर ब्लैक बोर्ड
मेरा आशय यह है कि शिक्षा नीति को इन तीन कौसटियों को ध्यान में रखकर व्यावहार में लाया जाना चाहिए। क्या शिक्षा नीति यहाँ की सस्ती है, क्या सभी सुलभ है तथा क्या वह रोजगार तलब है। मान्यवर इन तीन कसौटियों पर विचार करने के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुँचेगे और यह सदन भी इस निष्कर्ष पर पहुँचेगा कि न तो शिक्षा सुलभ है न सस्ती है और न यह रोजगार तलब है। आज शिक्षा के अन्दर भी वर्ग बने हुए है। क्या शिक्षा हाई क्लास के लोगों के लिए है जो कि उन लोगों को पब्लिक स्कूलों के माध्यम से दी जाती है और वहाँ पर जो बच्चे पढ़ते हैं उन पर कई सौ रुपये प्रति माह व्यय होता है।
दूसरी शिक्षा कामन विद्यार्थियों के लिए है, साधारण विद्यार्थियों के लिए है, साधारण विद्यार्थियों का अर्थ है गांवों के गरीब बच्चे, जहाँ स्कूल में टाट पट्टी भी नहीं है तथा बैठने के लिए भवन भी नहीं है, वहाँ पर किताब भी नहीं है, जहाँच पर ब्लैक बोर्ड
saving score / loading statistics ...