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MGSCTI MORENA ADDMISION OPEN FOR SHORTHAND AND CPCT MOB-7470639002 (MP HIGH COURT REQUIRMENT HINDI TYPING DIC 27/02/2019)

created Dec 8th 2018, 03:10 by anamika tomar


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जैसा ऊपर उल्‍लेख किया गया है अपीलार्थियों की दोषसिद्धि केवल एकमात्र प्रत्‍यक्षदर्शी साक्षी मुन्‍नी बाई (अभिसाक्ष्‍य 12) के परिसाक्ष्‍य के आधार पर और ऊपर जिन अनके साक्षियों को नामित किया गया है उनके समक्ष किए गए अभिकथित न्‍यायिकेत्‍तर संस्‍वीकृति के आधार पर की गई है तथा अपीलार्थियों को दोषसिद्धि रक्‍तरंजित कपड़ों और वस्‍तुओं जिनके सम्‍बंध में यह अभिकथित किया गया है अपराध कारित करने में इनका उपयोग किया गया था, की बरामदगी के आधार पर भी की गई है। हम इस अपराध से सम्‍बंधित प्रत्‍येक साक्ष्‍य पर यह पता लगाने के लिए विचार करना चाहते हैं कि क्‍या अपीलार्थियों को जो दोषसिद्धि की गई है वह चलने योग्‍य है या नहीं। अभियुक्‍त की ओर से हाजिर होने वाले काउंसेल द्वारा उचित रूप से इस साक्षी की प्रतिपरीक्षा नहीं की गई थी। प्रतिपरीक्षा में आधे मन से पूछे गए प्रश्‍नों के उत्‍तर में इस साक्षी ने यह कथन किया है कि वह अपने पैर का इलाज कराने के लिए अस्‍मानिया के पास लगभग 8.00 बजे रात को गई थी। अस्‍मानिया ने उसका लगभग एक घंटे तक इलाज किया था। मारपीटी की घटना देखने के पश्‍चात वह अपने घर वापस गई थी, इस साक्षी के अनुसार उसने पहली बार न्‍यायालय में मारपीट किए जाने की घटना के बारे में बताया है हमारे समक्ष रखे गए अभिलेख से हमने यह भी पाया है कि इस अभिकथित साक्षी ने तारीख 9/12/2016 को पुलिस को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 161 के अधीन कथन किया था तो ऊपर दिए गए कथन से बिल्‍कुल अलग है। चूंकि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 161 के अधीन अभिलिखित किया गया कथन इस मामले के अभिलेख पर है किन्‍तु किसी सक्षम वकील के माध्‍यम से इस कथन को साक्षी के सामने नहीं रखा गया है इसलिये हम मुन्‍नी बाई (अभिसाक्ष्‍य 12) के साक्ष्‍य को महत्‍वपूर्ण मानकर उसका उपयोग नहीं कर सकते हैं। तथापि, इस साक्षी के परिसाक्ष्‍य में कई गंभीर त्रुटियां हैं। जिनकी वजह से उसका पूरा साक्ष्‍य अविश्‍वसनीय हो गया है। इस साक्षी के परिसाक्ष्‍य से उसका जो आचरण प्रकट हुआ है वह बिल्‍कुल अस्‍वाभाविक और अनधिसंभाव्‍य है। इस साक्षी के अनुसार जब वह अपने पैर का इलाज कराने के लिये अभियुक्‍त अस्‍मानिया के घर गई थी तब उसने देखा था कि तीनों अभियुक्‍त व्‍यक्ति मृतक काश्‍तु राम की हत्‍या कर रहे थे।  

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