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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || 16th_Feb_1Shift_CPCT_QPHindi_Typing
created Feb 19th 2019, 10:29 by AnujGupta1610
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नींद हम सभी के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। रात्रि में भरपूर गहरी नींद लेने पर सुबह हमें अच्छी ताजगी महसूस होती है, दिन भर कार्य करने के लिए पूर्ति व नवीनता मिलती है। नींद की यही खासियत है कि यह हमें फिर से नया बना देती है एक तरह से जीवन जीने व कार्य करने के लिए तैयार कर देती है। नींद पूरी होने के बाद हमारे मस्तिष्क की अस्तव्यस्तता समाप्त हो जाती है, हमारे मस्तिष्क में केवल वही चीजें बचती हैं जिनकी हमें आवश्यकता होती है और यही कारण है कि यदि तनाव, कार्य के दबाव व अन्य किसी कारण से सिर में दर्द हो तो सोने के बाद वह दूर हो जाता है। जब हमारा शरीर थक जाता है तो हमें नींद की आवश्यकता होती है। सोने से न केवल हमारी थकान दूर होती है बल्कि हमें शांति भी महसूस होती है। लेकिन यदि हमारी नींद आधी-अधूरी है तो हमारे सामने अनेक प्रकार की दिक्कतें आती है, यह हम सब जानते हैं। अधूरी नींद उन व्यक्तियों की रहती है जिन पर कार्य का अत्यधिक दबाव रहता है ऐसे लोग देर रात तक जागकर कार्य करते हैं और सुबह भी जल्दी उठ जाते हैं। ऐसे लोगों को भले ही सब कुछ ठीक-ठाक दिखता हो, लेकिन यह सेहत के लिए ठीक नहीं है। यदि व्यक्ति बिस्तर पर लेटते ही सो जाता है तो इसका मतलब है कि उस व्यक्ति की नींद आधी-अधूरी है और अब उसे इस बात की आवश्यकता है कि वह अपनी अधूरी नींद को पूरा करे, अन्यथा यह संकेत उसकी अच्छी सेहत के लिए खतरे की घंटी है। जिस तरह हमारे शरीर को भोजन-पानी की जरूरत होती है, उसी तरह स्वस्थ बने रहने के लिए नींद की जरूरत होती है। नींद पूरी न होने पर शरीर की थकान पूरी तरह नहीं मिटती और सिर में भी हल्का दर्द बना रहता है, नींद से जागने के बाद मन शांत में स्थिर नहीं होता और शारीरिक व मानसिक रूप से ताजगी भी महसूस नहीं होता। नींद की कमी से याददाश्त भी कमजोर हो जाती है। यदि व्यक्ति बार-बार चीजों को भूल रहा है और ठीक से याद नहीं कर पा रहा कि वह किस कार्य के लिए घर से बाहर निकला है। तो उसकी नींद सही से पूरी नहीं हुई है। मन एकाग्र करने में असहजता महसूस हो रही है तो इसका एक कारण नींद की कमी या थकान भी हो सकता है।, इसलिए व्यक्ति बातों को अच्छे से समझ नहीं पाते और सही प्रतिक्रिया नहीं दे पाते जिससे कलह-क्लेष भी होते हैं। नींद की कमी से सक्रियता में कमी रहने के कारण व्यक्ति अपनी सामान्य गति से कार्य नहीं कर पाते और कार्य के दौरान जरा-सा अवसर मिलते ही सो जाते हैं तथा लगातार सुस्त बने रहते हैं।
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