Text Practice Mode
Sarode Online Typing Center Harda For CPCT
created Mar 22nd 2019, 05:13 by Sarode online harda
1
367 words
4 completed
5
Rating visible after 3 or more votes
00:00
चन्द्र नगर में चित्रांग नाम का एक कुत्ता रहता था। एक बार नगर में भारी अकाल पड़ा। मनुष्यों के पास भी खाने को कुछ ना रहा तो भला कुत्ते को क्या मिलता? जब चित्रांग ने देखा कि अकाल के कारण सभी कुत्ते मरने लगे हैं तो वह अपनी भूख का निदान ढूँढने वहाँ से निकल कर दूसरे नगर में जा पहुँचा। वहाँ उसे खाने-पीने की कोई कमी न थी। घर आमतौर पर खुले पड़े होते। वह अन्दर घुस जाता और खा-पीकर बाहर आ जाता। लेकिन उसने पाया कि जैसे ही वह किसी घर के बाहर निकलता, बहुत से कुत्ते उसे आकर घेर लेते थे और भौंक-भौंककर उसे दाँतों से काटते। वह प्राय: लहूलुहान हो जाता। लेकिन फिर जब भूख लगती तो उसे किसी न किसी घर में घुसना ही पड़ता था और फिर उसका सामना उन परदेसी कुत्तों से हो जाता। जब चित्रा्ंग को लगा कि इन कुत्तों से किसी तरह जान नहीं छूटेगी तो वह लाचार होकर चन्द्र नगर लौट आया। वहाँ उसके पुराने साथियों ने पूछा- क्यों चित्रांग तुम क्यों लौट आये? क्या वहाँ खाने-पीने की कमी थी? नहीं नहीं...। चित्रांग बोला- वहाँ खाने-पीने की बड़ी मौज थी। किसी चीज की कोई नहीं थी। बस एक ही दु:ख था कि वहाँ के कुत्ते भाई मेरे प्राण लेने पर उतारू थे। और उसने अपने घाव साथियों को दिखाये। वह बोला- यहाँ अकाल ही सही पर कोई काटने तो नहीं दौड़ता। मुझे तो अपना यही नगर ठीक लगता है। अब मैं यहाँ से कहीं नहीं जाऊँगा। परदेस में सौ सुख मिले तो भी अपना देश अपना ही है। एक नगर में चंद्रसेन नाम का राजा था। उसकी कन्या थी, जिसका नाम रत्नावती था। उसे हर समय यही डर लगा रहता था कि कोई राक्षस उसका अपहरण न कर ले। उसके महल के चारों ओर पहरा रहता था, फिर भी वह सदा डर से काँपती रहती थी। रात के समय उसका डर और भी बढ़ जाता था। एक रात एक राक्षस पहरेदारों की नजर से बचकर रत्नवती के कमरे में घुस गया। कमरे के अँधेरे कोने में जब वह छिपा हुआ था, तभी उसने सुना कि रत्नवती अपनी एक सहेली से कह रही हैं- यह दुष्ट विकाल मुझे हर समय परेशान करता रहता है, इसका कोई उपाय कर।
saving score / loading statistics ...