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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || CPCT_Admission_Open

created May 20th 2019, 07:24 by SubodhKhare1340667


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एक बार एक बारहसिंगा तालाब के किनारे पानी में अपने सींगों की छाया देखकर सोचने लगा मेरे सींग कितने सुन्‍दर हैं, पर मेरे पैर कितने दुबले-पतले और भद्दे हैं। तभी उसके कानों में कहीं आस-पास ही शेर के दहाड़ने की आवाज पड़ी बारहसिंगा डरकर तेजी से भागा। उसने पीछे मुड़कर देखा। शेर उसके पीछे लग चुका था। भागते-भागते वह बहुत दूर निकल आया। आगे एक बीहड़ था। एकायक उसके सींग एक पेड़ की डालियों में उलझ गए। बारहसिंगे ने अपने सींग छुड़ाने की बहुत कोशिश की, पर वे नहीं निकले। उसने सोचा ओह मैं अपने दुबले-पतले और भद्दे पैरों को कोस रहा था। पर उन्‍हीं पैरों ने शेर से बचने में मेरी सहायता की। मगर अपने जिन सुदंर सींगों की मैंने बहुत तारीफ की थी। अब वे ही शायद मेरी मृत्‍यु का कारण बनने वाले हैं। इतने में शेर भी दौड़ता हुआ वहां पहुंचा और उसने बारहसिंहे को मार डाला।
    बहुत पुरानी बात है। एक गांव में युधिष्ठिर नाम का एक कुम्‍हार रहता था। उसे शराब पीने की बहुत बुरी लत थी। एक दिन शराब के नशे में लडखड़ाकर वह एक टूटे बर्तन पर गिर पड़ा। टूटे हुए बर्तन का तीखा कोना माथे में जा घुसा और भलभलाकर खून बहने लगा। लेकिन कुम्‍हार ने घाव की कोई परवाह नहीं की और जिसका घाव बिगड़ गया। कुछ समय बाद घाव तो भर गया लेकिन माथे पर एक बड़ा निशान पड़ गया। कुछ समय बाद इलाके में अकाल पड़ गया कुम्‍हार का काम भी ठप पड़ गया। अत: वह रोजगार की तलाश में दूसरे देश की ओर चल दिया। वहां पहुंचकर उसने किसी प्रकार वहां के राजा के पास नौकरी पा ली।  
    एक बार जब राजा ने उसके माथे पर पड़ा निशान देखा तो उसने सोचा कि वह बहुत बहादुर होगा। शायद शत्रु सेना के किसी सिपाही के साथ युद्ध करते समय इसके माथे पर घाव लगा होगा। अत: राजा ने उसे अपने चुने हुए सेनापतियों के साथ नियुक्‍त कर दिया। एक बार जब पड़ोसी देश के साथ युद्ध के आसार लगे तो राजा ने अपने सेनापतियों का उत्‍साह बढ़ाने के लिए उन्‍हें सम्‍मानित किया। कुछ समय बाद उसने कुम्‍हार को अपनी सेना का सर्वोच्‍च सेनापति बनाने का निर्णय लिया। उसने कुम्‍हार से पूछा वीर युवक तुम्‍हारा नाम क्‍या है। तुम्‍हारे माथे पर यह निशान कैसे पड़ा। उस युद्ध का क्‍या नाम था, जिसमें तुमने भाग लिया था। कुम्‍हार बोला महाराज पेशे से मैं कुम्‍हार हूं। एक बार मैं शराब पीकर टूटे हुए कांच पर गिर पड़ा था। कांच मेरे माथे में घुस गया था और निशान उसी घाव का है, जो कांच घुसने से बना था।

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