eng
competition

Text Practice Mode

BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || CPCT_Admission_Open {संचालक-बुद्ध अकादमी टीकमगढ़}

created Jul 18th 2019, 12:00 by SubodhKhare1340667


0


Rating

426 words
12 completed
00:00
देश में सड़क हादसों का ग्राफ जिस तेजी से ऊपर जर रहा है वह इस हकीकत को बताने के लिए काफी है कि सड़क सुरक्षा के प्रति हमारी सरकारें कितनी लापरवाह हैं। पिछले महीने हिमाचल प्रदेश और जम्‍मू में हुए बस हादसों में बड़ी संख्‍या में लोग मारे गए थे। दोनों हादसों में एक समानता यह थी कि इन बमों में निर्धारित क्षमता से तीन गुना ज्‍यादा लोग सवार थे। दिल्‍ली-आगरा के बीच यमुना एक्‍सप्रेस-वे तो मौत के हाइवे में तब्‍दील हो चुका है। हाल में इस एक्‍सप्रेस-वे पर एक बस हादसे में उनतीस लोगों की मौत हो गई थी। बस के ड्राइवर को झपकी जाने की वजह से यह दुर्घटना हुई थी। ऐसे हादसे देशभर में रोजाना हो रहे हैं और सैकड़ों लोग मारे जा रहे हैं। ज्‍यादातर हादसे वाहन चालकों की लापरवाही और चूक से होते हैं। सवाल है कि इस समस्‍या से निपटा कैसे जाए।
    भारत में सड़क सुरक्षा और परिवहन संबंधी कायदे-कानून वर्षों पुराने चले रहें हैं। इससे भी गंभीर बात यह है कि लोग इन नियम-कायदों को भी ताक पर रख चल रहे हैं। कानून का कोई भय नहीं रह गया है। इसलिए जब तक कानूनों का पुराना ढांचा बदला नहीं जाएगा और नए कानून सख्‍ती से लागू नहीं किए जाएंगे, तब तक सड़क हादसों में कमी आएगी और लोगों को मरने से बचाया जा सकेगा। सोमवार को लोकसभा में पेश मोटर वाहन संशोधन विधेयक 2019 में पहली बार कड़े प्रावधान किए गए हैं, ताकि वाहन, सड़क और चालक तीनों को सुरक्षित बनाने के उपाय किए जा सकें। खास बात यह है कि इस विधेयक में ड्राइविंग लाइसेंस संबंधी नियमों को और सख्‍त बनाने का प्रावधान है। सड़क परिवहन मंत्री ने खुद माना है कि देश में तीस फीसद से ज्‍यादा ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी हैं। हकीकत में यह आंकड़ा इससे भी ज्‍यादा ही निकलेगा। संशोधित विधेयक में अंतरराष्‍ट्रीय मानकों को लागू करते हुए यह व्‍यवस्‍था की गई है कि अगर कोई वाहन तकनीकी या यांत्रिक रूप से खराब निकलता है तो संबंधित निर्माता कंपनी को उसे वापस मंगाना होगा। नए वाहनों की जांच प्रणाली को बदल कर और दुरुस्‍त किया जाएगा। टायर कंपनियों पर भी नकेल कसने की बात है। अगर गाड़ी या टायर की खराबी की वजह से कोई हादसा होता है तो संबंधित कंपनियां जिम्‍मेदार होंगी। इसी तरह राजमार्ग बनाने वाली कंपनियों पर भी शिंकजा कसा गया है।  
    फर्जी लाइसेंस बनने का कारोबार जिस पैमाने पर होता हे, वह आरटीओ दफ्तरों के भीतर बैठे भ्रष्‍टाचार की पोल खोलने के लिए काफी है। नए कानून में जिस तरह भारी-भरकम जुर्माने और सजा का प्रावधान है।  

saving score / loading statistics ...