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SAKSHI COMPUTERS MAIN ROAD GULABRA CHHINDWARA (M.P) MO.-8839072850

created Aug 19th 2019, 03:48 by Shweta Thakur


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एक बार की बात है, अकबर और बीरबल शिकार पर जा रहे थे। अभी कुछ समय हुआ था कि उन्‍हें एक हिरण दिखा। जल्‍दबाजी में तीर निकालते हुए अकबर अपने हाथ पर लगा बैठा। अब हालात कुछ ऐसे थे कि अकबर बहुत दर्द में था और गुस्‍से में भी। ये हालात देखते हुए बीरबल से सोचा कि हालात और बुरे हो जाएं उससे पहले अकबर को शान्‍त कर दिया जाए जो उन्‍होंने बादशाह को समझाते हुए कहा - कि महाराज, जो होता है अच्‍छे की लिए ही होता है। अकबर पहले ही काफी दर्द में था। बीरबल की यह बात सुन कर वह और ज्‍यादा क्रोधित हुआ और बोला - यहां हम इतने दर्द में हैं और तुम बोल रहे हो कि जो होता है अच्‍छे के लिए होता है, क्‍या पागल हो गए हो तुम। इसके जवाब में बीरबल ने फिर से अकबर को समझाने की कोशिश की परंतु अकबर और अधिक गुस्‍सा हो गया और उसने अपने सैनिकों से कहा कि बीरबल को ले जाकर कारागार में डाल दिया जाए और फिर वह शिकार के लिए आगे निकल गया। अब कुछ ही देर बाद एक और हिरण दिखने पर अकबर उसका पीछा करने लगा। वह इतने मगन हो गया कि उसे पता ही नहीं लगा कि कब उसके सैनिक पीछे रह गए। तभी अचानक उसे कुछ आदिवासियों ने घेर लिया, और वह अकबर की बलि देने की तैयारी करने लगे। अब अकबर काफी डर गया और उसे समझ नहीं रहा था कि कैसे बचे। इतने में एक आदिवासी ने अकबर के हाथ को देखा। उसके हाथ में घाव देख कर उसने अपने साथियों को बुलाया। सभी आदिवासियों ने आपस में बात की और अंत में अकबर को मुक्‍त कर दिया क्‍योंकि घाव लगने से अकबर अशुद्ध हो गया था। ऐसा होने पर अकबर बहुत खुश हुआ और वापस अपने सैनिकों के पास चला गया। राह में उसने सोचा कि अगर यह घाव होता तो निश्‍चय ही आज उसकी माैत हो जाती। इसी बात से उसे याद आया कि बीरबल सही था परंतु मैंने उसे कारागार में डालकर अच्‍छा नहीं किया। अब अकबर को बहुत बुरा लग रहा था। उसने अपने सैनिकों को कहा कि जल्‍द से जल्‍द महल पहुंच कर बीरबल को कारागार से मुक्‍त किया जाए। जैसे ही सब महल पहुंचे उन्‍होंने बीरबल को कारागार से मुक्‍त किया। बीरबल के बाहर निकलने ही अकबर ने उन्‍हें पूरा वाकया सुनाया और उनसे क्षमा मांगी। उनके क्षमा मांगन पर बीरबल बोले की महाराज जो होता है अच्‍छे के लिए होता है। अकबर ये बात सुन कर बीरबल से बोले कि यदि तुम्‍हें कारागार में डलवा दिया गया फिर भी तुम यही बोल रहे हो। बीरबल बोले कि यदि आपने मुझे वापस भेजा होता तो आपकी जगह मेरी बलि दे दी जाती।

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