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बंसोड टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा, छिन्दवाड़ा मो.न.8982805777 सीपीसीटी न्यू बैच प्रांरभ
created Aug 22nd 2019, 09:37 by SARITA WAXER
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विचार खाद्य सामग्री की तरह होते हैं। जैसे एक अच्छा रसोइया उपलब्ध सामग्री से स्वादिष्ट भोजन बना सकता है और यदि रसोइया निष्णात नहीं है तो उसी सामग्री को बर्बाद भी कर सकता है मनुष्य के पास विचार खाद्य सामग्री की ही तरह हैं। दो तरह के विचारों से हमारा सामना होता है- एक पॉजिटिव, दूसरे निगेटिव। भगवान कृष्ण के लिए कहा जाता है विचारों का जैसा सदुपयोग इन्होंने किया, संभवत: दुनिया में किसी ने नहीं किया होगा। उन्होंने गीतारूपी विचार इस संसार को सौंपा। गीता एक पुस्तक नहीं, एक विचार है। धर्म के पक्ष में गया हुआ गीत है जिसे श्रीकृष्ण ने उस समय गाया जब दुर्गुण और सद्गुणों का युद्ध हो रहा था। हम रोज अपने भीतर एक कुरूक्षेत्र से गुजरते हैं। भीतर के कृष्ण को गीता के रूप में जाग्रत रखिए। गीता को हनुमानजी ने भी सुना था क्योंकि युद्ध के दौरान वे अर्जुन की ध्वजा पर बिराजे थे। विचार को पॉजिटिव बनाने के लिए आज एक शाम विचारों के नाम कार्यक्रम नागपुर में हो रहा है जिसका सीधा प्रसारण शाम 6.30 से 8 बजे तक संस्कार टीवी पर होगा। इसमें पूरे देश-दुनिया में सवा करोड़ लोग एक साथ हनुमान चालीसा पढ़ें, इसका भी आह्वान होगा। आप जीवन के किसी भी क्षेत्र में संघर्ष कर रहे हों, इस कार्यक्रम से जुड़कर अनुभूति होगी कि आपके पास जो विचार आ रहे हैं, उनका एक अच्छे रसोइए की तरह उपयोग कीजिए और श्रीकृष्ण व हनुमानजी से सीखिए आपके विचार आपको क्या ऊंचाई दे सकते हैं..।
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