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बंसोड टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा गली नं. 01 छिन्‍दवाड़ा मो.न.8982805777

created Aug 24th 2019, 10:42 by SARITA WAXER


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बच्‍चों  का लालन-पालन भी जिंदगी का एक बहुत बड़ा इम्तिहान है। यदि बच्‍चे योग्‍य, लायक बन गए तो समझ लें आप परीक्षा में कुछ प्रश्‍नपत्र ऐसे होते हैं जिनके लिए जिंदगी हमारे कानों में धीरे से कह जाती है- ध्‍यान रखना। इसका कोई नतीजा नहीं आएगा। परीक्षा देते रहो, परिणाम आएगा या नहीं, यह मत सोचो। लेकिन प्रश्‍न पत्र हल करना पड़ेगा। बच्‍चों  माता-पिता के रिश्‍ते  ऐसे ही होते हैं। यह रिश्‍ता। इतनी परीक्षा लेता है, फिर भी निभाना तो है। रिश्‍तों के साथ अच्‍छा वक्‍त याद नहीं रहता और बुरा भुलाए नहीं भूला जाता। यह भी सही है कि हमारी संतान हम से अच्‍छे निकल जाए तो हमारे लिए दुनिया बड़ी खूबसरत हो जाती है। सभी माता-पिता कोशिश करते हैं बच्‍चे  योग्य  बन जाएं, लेकिन यह रिश्ता  ऐसा होता है कि कुछ माता-पिता जान ही नहीं पाते कि बच्‍चों  को सब कुछ देने के चक्कतर में वे उनका बहुत-कुछ ले रहे होते हैं। इसलिए लालन-पालन के मामले में परीक्षा की तरह सावधान रहें। कौन सा प्रश्‍नपत्र  कठिन जाए, कि प्रश्‍न पत्र का परिणाम आए तो भी परीक्षा देना है। इन बातों को गंभीरता से लेना पड़ेगा। उम्‍मीद की किरण उम्‍मीद ही रह जाए। उस प्रकाश को अपने आंगन में उतरने दीजिए। उसी का नाम है आर्ट ऑफ पेरेंटिंग। आप दुनिया में कितने ही काम कर रहे हों, पर बच्‍चों के प्रति हर पल जागरूक रहिएगा..।   

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