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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || CPCT_Admission_Open

created Oct 19th 2019, 10:05 by ddayal2004


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अपनी आर्थिक ताकत को कूटनीतिक सामरिक बढ़त में बदलने की चीन की कोशिशें अब नया रंग दिखा रही हैं। चीन ने प्रशांत महासागर में सोलोमन के एक पूरे द्वीप को ही 75 साल के पट्टे पर ले लिया है। सोलोमन एक ऐसा देश है, जो तकरीबन 900 छोटे-बड़े द्वीपों से मिलकर बना है। अगर नक्‍शे पर देखें, तो ऑस्‍ट्रलिया के आगे पापुआ न्‍यू गिनी के उस पार कुछ छोटी-छोटी बिंदियां दिखाई देती हैं, यही सोलोमन द्वीप समूह है। इसी का एक छोटा सा द्वीप तुलागी है, जिसे चीनी कंपनी चाइना सैम इंटरप्राइजेज ने पट्टे पर लिया है। इस द्वीप पर कितनी आबादी है, यह ठीक से नहीं पता, लेकिन अभी तक वहां कुछ होटल रिजॉर्ट हैं। जाहिर है, वहां दुनिया भर के अमीर छुट्टियां मनाने के लिए जाते होंगे, पर अब माना जा रहा है कि जल्‍द ही यह जगह चीन का सैनिक या असैनिक अड्डा होगी। लीज की शर्तों में चीन की कंपनी को औद्योगिक विकास या जैसी जरूरत वह समझे, उस हिसाब से इसके इस्‍तेमाल की इजाजत दी गई है। अभी यह साफ नहीं है कि वहां होने वाली गतिविधियों पर सोलोमन का कोई नियंत्रण रहेगा या नहीं।
    महत्‍वपूर्ण यह है कि चीन ने एक तीर से दो शिकार कर लिए हैं। अभी तक सोलोमन दुनिया के उन चंद देशों में था, जो ताईवान को एक अलग देश के रूप में मान्‍यता देते हैं। उसके ताईवान से राजनयिक संबंध भी थे। चीन ने पिछले ही महीने इस पूरे समीकरण को पलट दिया था। पिछले महीने खबर आई कि सोलोमन ने ताईवान से अपने रिश्‍ते पूरी तरह तोड़कर चीन से राजनयिक संबंध स्‍थापित कर लिए हैं। इसे ताईवान और अमेरिका, दोनों के लिए ही एक बहुत बड़ा झटका माना गया था। लेकिन तब यह नहीं सोचा गया था कि यह पहला कदम है और चीन के इरादे इससे कहीं आगे जाने के हैं। वैसे तो सोलोमन द्वीप समूह हमेशा से ही सामरिक रूप से काफी महत्‍वपूर्ण रहा है।
     

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