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बंसोड टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा, छिन्दवाड़ा मो.न.8982805777 सीपीसीटी न्यू बैच प्रांरभ (संचालक-सचिन बंसोड)
created Oct 22nd 2019, 04:05 by SARITA WAXER
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भारत हमारा देश है और इसका राष्ट्रीय ध्वज हमारे लिये बहुत मायने रखता है। यहॉं पर रह रहे विभिन्न धर्मो के लोगों के लिये हमारा राष्ट्रीय ध्वज एकता के प्रतीक माना जाता है। हमें अपने के राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना चाहिये। ये बहुत जरूरी है कि सभी आजाद देशों के पास उनका अपना राष्ट्रीय ध्वज हो। हमार राष्ट्रीय ध्वज तीन रंगो का है इसलिये इसे तिरंगा भी कहते हैं। तिरंगे के सबसे ऊपर की पट्टी में एक नीले रंग और सबसे नीचे की पट्टी में हरा रंग होता है। तिरंगे के बीच की सफेद पट्टी में एक नीले रंग का अशोक चक्र होता है जिसमें एक समान दूरी पर 24 तिलियां होती है। यह जानना अत्यंत रोचक है कि हमारा राष्ट्रीय ध्वज अपने आरंभ से किन-किन परिवर्तनों से गुजरा। इसे हमारे स्वतंत्रता के राष्ट्रीय संग्राम के दौरान खोजा गया या मान्यता दी गई। राष्ट्रीय ध्वज एक स्वतंत्र राष्ट्र के एक नागरिक होने की हमारी अलग पहचान है। हर स्वतंत्र राष्ट्र का अपना अलग राष्ट्रीय ध्वज होता है। हमारा राष्ट्रीय ध्वज एकता और आजादी का प्रतीक है। सरकारी अधिकारियों के द्वारा सभी राष्ट्रीय अवसरों पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराया जाता है हालांकि भारतीय नागरिकों को भी कुछ अवसरों पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराने की अनुमति है। गणतंत्रता दिवस, स्वतंत्रता दिवस और कुछ दूसरे राष्ट्रीय कार्यक्रमों में सरकारी कार्यालयों, स्कूल और दूसरे शिक्षण संस्थानों में इसे काफी उत्साह से और सम्मान के साथ फहरया जाता है। 22 जुलाई 1947 को पहली बार भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को अंगीकृत किया गया था। हमारे राष्ट्रीय ध्वज को बहुत ही संदुरत रीके से तीन रंगों में डिजाईन किया गया है, जिसे तिरंगा कहते हैं। ये खादी के कपडे़ से बना होता और इसकी बुनाई हाथों द्वारा की जाती है। खादी के अलावा तिरंगे को बनाने के लिये किसी दूसरे कपडे़ का इत्सेमाल गैरकानूनी और प्रतिबंधित है।
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