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साँई टायपिंग इन्स्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा, सीपीसीटी न्यू बैच प्रारंभ संचालक- लकी श्रीवात्री मो. नं. 9098909565
created Oct 23rd 2019, 03:00 by sandhya shrivatri
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हमारी कब तक परीक्षा होती रहेगी, कब तक हम ऐसे ही रहेंगे, हमारा जीवन भी बहुत मुश्किल से चल रहा है, कोई हमारी बात नहीं सुन रहा है, हम घर-घर जाकर काम करते है तब कही जाकर हमें ऐसा लगता है की हमे कुछ खाना मिल रहा है मगर यह कैसे चलेगा, और कब तक ऐसा ही चलता रहेगा, हम भगवान से यही बात कहते है की हमारी और वह कब ध्यान देंगे, कब हमारा कल्याण होगा, हमें नही लगता है की हम इस मुश्किल से जल्द ही निकल सकते है, हम क्या करे वह यह बात अपनी पत्नी से कह रहा था। पत्नी भी जानती है की यह सब कुछ सच है मगर क्या किया जा सकता है जब कुछ होगा तभी हमारा कल्याण होगा मगर भगवान यह सब कब करेंगे हमे नहीं पता है हम तो सिर्फ इंतजार ही कर सकते है इससे ज्यादा कुछ नहीं होगा, वह कुछ देर बड़ा ही अपने गांव से दुसरों के घर पर काम करने जाते है, आदमी भी दुसरो के यहां पर काम करता है वह उनकी खेती की देखभाल करता है तभी उसे कुछ खाना मिलता है उसकी पत्नी भी दुसरो के यहां पर काम पर चली जाती है उसका एक छोटा बच्चा है वह उसे अपने साथ में रखती है।
उसका पति खेत पर काम कर रहा था आज धुप बहुत ज्यादा है उसे गर्मी भी बहुत लग रही थी मगर काम तो उसे करना ही था इसलिए वह अपने काम पर ध्यान दे रहा था, उसे खेत में कुछ चमकता हुआ नजर आ रहा था। वह क्या हो सकता है उसे नहीं पता था मगर कुछ चमक जरूर रहा था वह यही सोच रहा था की वह क्या चीज हो सकती है यह भी हो सकता है की वह कोई कांच का टुकड़ा हो जो चमक रहा था। कुछ भी हो वह देखने जाता है जब वह उसे देखने जाता है तो चमक कम होती जाती है मगर जब वह नजदीक आता है तो कुछ भी नजर नहीं आता है यह कैसे हो सकता है चमक कहा चली जाती है अब क्या करे जो दूर से नजर आ रहा था वह अब कहा पर है वह वापिस चला जाता है। वह वापिस चला जा रहा था जिस जगह से चमक नजर आ रही थी वह वही पर खड़ा हो जाता है और फिर देखता है। और उस जगह पर खादने लगा था कुछ समय बाद ही उसे एक बॉक्स मिला था यह बॉक्स में बहुत सारा धन था। वहां यह धन को क्या करे उसे समझ नहीं आ रहा था। वहां यहा सोच रहा था कि यह धन उसका है या मालिक का। फिर वहां सोचने लगा कि यहां धन उसे भगवाना ने दिया है। इसलिए वहां यह धन अपने पास ही रख लेता है।
उसका पति खेत पर काम कर रहा था आज धुप बहुत ज्यादा है उसे गर्मी भी बहुत लग रही थी मगर काम तो उसे करना ही था इसलिए वह अपने काम पर ध्यान दे रहा था, उसे खेत में कुछ चमकता हुआ नजर आ रहा था। वह क्या हो सकता है उसे नहीं पता था मगर कुछ चमक जरूर रहा था वह यही सोच रहा था की वह क्या चीज हो सकती है यह भी हो सकता है की वह कोई कांच का टुकड़ा हो जो चमक रहा था। कुछ भी हो वह देखने जाता है जब वह उसे देखने जाता है तो चमक कम होती जाती है मगर जब वह नजदीक आता है तो कुछ भी नजर नहीं आता है यह कैसे हो सकता है चमक कहा चली जाती है अब क्या करे जो दूर से नजर आ रहा था वह अब कहा पर है वह वापिस चला जाता है। वह वापिस चला जा रहा था जिस जगह से चमक नजर आ रही थी वह वही पर खड़ा हो जाता है और फिर देखता है। और उस जगह पर खादने लगा था कुछ समय बाद ही उसे एक बॉक्स मिला था यह बॉक्स में बहुत सारा धन था। वहां यह धन को क्या करे उसे समझ नहीं आ रहा था। वहां यहा सोच रहा था कि यह धन उसका है या मालिक का। फिर वहां सोचने लगा कि यहां धन उसे भगवाना ने दिया है। इसलिए वहां यह धन अपने पास ही रख लेता है।
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