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बंसोड टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा, छिन्‍दवाड़ा मो.न.8982805777 सीपीसीटी न्‍यू बैच प्रांरभ

created Dec 5th 2019, 14:29 by sachin bansod


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घर में आज सुबह से ही बड़ी चीख पुकार मची हुई थी। ना जाने आज घर में कौन सा हंगामा हो गया था? रमेश की बीवी जोर जोर से चिल्‍ला रही थी। इतनी जोर से कि आस पास के घरों के लोग भी अपने घरों से बाहर गए। दरवाजे के पीछे एक वृद्ध औरत सिकुड़ी सिकुचाई सी आंसू बहा रही थी। मुंह से यूँ तो एक शब्‍द नहीं निकल रहा था लेकिन बहु के ताने सुनकर आंखे रो पड़ीथीं। इधर रमेश अपनी बीवी को बार बार समझा रहा था कि मां ऐसा नहीं कर सकतीं। दरअसल टेबल पर रखी बहुरानी की कीमती अंगूठी कहीं गुम हो गयी थी। पत्‍नी जोर जोर से चिल्‍ला रही थी कि ये बुढि़यांवहीं बैठी थी इसी ने मेरी अंगूठी चुराई है, बेचारीमां बेबस सी अपने बेटे की तरफ आस लगा के देख रही थी। शायद यही कुछ बोले बहुरानी ने तो समाज के आगे इज्‍जत उछालने में कोई कसर छोड़ी ही नहीं थी। हद तो तब हो गई जब पत्‍नी ने गुस्‍से में मां का हाथ पकड़कर दरवाजे से अंदर खींचा। रमेश का आपा भी जवाब दे गया और उसने पत्‍नी के गाल पर एक जोरदार तमाचा मारा। अभी 2 महीने पहले ही शादी हुई थी, पत्‍नी को वो तमाचा सहन नहीं हुआ वो गुस्‍से में पति पर चिल्‍ला के बोली तुमको मुझसे ज्‍यादा अपनी मां पर विश्‍वास है, ऐसा क्‍यों? रमेश की आंखों से भी अब आंसू निकलने लगे और बोला जब मैं बहुत छोटा था, उसी समय मेरे पिता का देहांत हो गया था, तब मेरी मां ने दूसरों के घरों में बर्तन मांझ कर और झाडू लगा लगा कर मुझे पाला। मुझे याद है कि मां बड़ी मुश्किल से एक वक्‍त के खाने का इंतजाम कर पाती थी। और वो खाना भी वो मेरी थाली में परोस देती थी और खुद एक खाली डब्‍बे को ढककर मुझसे झूठ बोला करती थी कि तू खा ले, मेरी रोटियां इस डब्‍बे में हैं। जबकि वो डब्‍बा हमेशा खाली होता था लेकिन मैं भी जानता था तो मैं आधी रोटी बचाकर मां से बोलता था कि मेरा पेट भर गया है और आधी रोटी मां को खिला दिया करता था।  
आज मैं 2 रोटी कमाने लायक क्‍या हो गया, अपनी मां के उस बलिदान को भूल जाऊं। कैसे भूल जाऊं कि मां ने मेरे लिए ना जाने अपनी कितनी ही इच्‍छाओं का गला घोट दिया। तुम तो मेरे साथ अभी केवल 2 महीने से हो लेकिन मैंने तो मां को पिछले 25 वर्षों से लगातार तपस्‍या करते देखा है। आज उम्र के इस पड़ाव पर आकर क्‍या मेरी मां को एक अंगूठी का लालच होगा? अगर अपनी मां पर शक किया तो भगवान मुझे नरक में भी जगह नहीं देगा।
 

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