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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || CPCT_Admission_Open

created Dec 13th 2019, 10:50 by Buddha academy


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पुराने समय की बात है एक गांव में एक कसाई रहता था वह कसाई बहुत गरीब था इसीलिए उसका घर का गुजारा बड़ी मुश्किल से होता था। अपने परिवार का पेट पालने के लिए वह हर रोज दो तीन बकरों को मार देता था। वह अंदर से बहुत कठोर बन चुका था दया नाम की कोई चीज उसके अंदर बची ही नहीं थी। एक दिन वह कसाई थका हारा और परेशान घर आया उसकी पत्‍नी ने उससे पूछा कि क्‍या बात है पहले तो आप कभी इतने उदास नहीं थे आज ऐसा क्‍या हुआ।
    उसने अपनी पत्‍नी से कहा आज एसी घटना घटी जिसने मुझे अंदर से तोड़ दिया। आज जो तीन बकरे मैंने खरीदे थे दो बकरे तो बिक गए परंतु तीसरा नहीं बिका और जब में घर वापिस आने लगा तो एक ग्राहक दुकान पर आया उसने तीसरे वाले बकरे को खरीदने की मांग की और जैसे ही ही में उस बकरे को मारने लगा तो अचानक उस बकरे के अंदर से मुझे एक आवाज सुनाई दी।
    हे। कसाई मुझे आज की रात मत मार में जानता हूं कि तुम्‍हारी और मेरी दु‍श्‍मनी सदियों पुरानी चली रही हैं। आज की रात मुझे बक्‍श दे मुझे सारी रात पीड़ा होगी मेरा वक्‍त सारी रात वहता रहेगा। बेशक सुबह होते ही मार देना। बकरे की बातों को सुनकर मेरा दिल पसीज गया मेरी आखों में आंशू निकल रहे थे उसी वक्‍त निश्‍चय कर लिया कि आज के बाद इस काम को कभी नहीं करुंगा।
    इसीलिए बच्‍चों जिस तरह जरूरत पड़ने पर कसाई भी अपना फैसला बदल सकता है और इसी तरह हमें अपनी जिंदगी में सुधार लाने के लिए अपने आप को बदलना पड़ेगा।
     

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