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सॉंई टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 सीपीसीटी न्यू बैच प्रारंभ संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नं. 9098909565
created Dec 14th 2019, 02:45 by lucky shrivatri
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यह दो दोस्तो की कहानी जो बहुत समय पहले दूर हो गए थे उन्हें नहीं लगता था कि वह कभी भी जीवन में दुबारा मिल सकते है मगर जब कोई बहुत साल बाद मिलता है तो उससे मिलकर बहुत अच्छा लगता है ऐसा बहुत ही कम होता है मगर जब होता है तब इसका एहसास ही अलग होता है वह दोनो कभी साथ में काम करते थे मगर उन्हें नहीं पता था की कुछ समय बाद दोनो अलग हो जायेंगे।
वह जिस जगह पर काम करते थे उस जगह से उनमे से एक को जाना था वही से दोनो अलग हो गए थे इस जमाने में फोन नहीं हुआ करता था इसलिए मिलना भी बहुत मुश्किल हो गया था। दोनो अलग हो गए थे और उनकी शादी भी हो गयी थी अब वह अपनी अपनी जिन्दगी में ही हमेशा व्यस्त रहते थे इस बात को जानते थे कि वह शायद कभी मिल पायंगे क्योकि जिस कम्पनी में वह काम करते थे अब दोनो की कम्पनी भी बदल गयी थी अब कुछ भी कहना मुश्किल था उनके पास कोई पता अभी नहीं था जिससे वह मिल सकते है समय बीत गया था जैसा की सभी जानते है की समय रूकता नहीं है वह भी तेजी से निकल रहा था दोनो के बच्चे बड़े हो गए थे अब उनकी शादी की जा सकती थी, दोनो दोस्तो के एक लड़का और दूसरे के पास एक लड़की थी, इत्तेफाक से दोनो एक ही कक्षा मे पढते थे और दोनो अच्छे दोस्त भी बन गये थे लड़के के पिताजी लड़के के साथ उस लड़की को देखे तो उस लड़के को बुलाते ओर पूछते है कि वह लड़की कौन है जिससे तुम बात कर रहे हो तो लड़का बताता है कि यह लड़की मेरे साथ में पढ़ती है, वह उस लड़की के पिताजी का नाम पूछते है नाम सुनकर सोचते है, क्योकि यह नाम उनके दोस्त का था नाम तो किसी का भी हो सकता है तो वह उनके दोस्त को याद करने लग जाते है कुछ दिन बाद उनके लड़के का जन्मदिन आता है और वह लड़की भी वहा होती है लड़के के पिताजी को लगने लगता है कही ये मेरे दोस्त की बेटी तो नही है यह सोचकर वह लड़की से पुछते है उसकी परिवार के बारे में तब पता चलता है की वह लड़की उनके ही दोस्त की बेटी है उसके बाद दोनो पुराने दोस्त मिल जाते है।
वह जिस जगह पर काम करते थे उस जगह से उनमे से एक को जाना था वही से दोनो अलग हो गए थे इस जमाने में फोन नहीं हुआ करता था इसलिए मिलना भी बहुत मुश्किल हो गया था। दोनो अलग हो गए थे और उनकी शादी भी हो गयी थी अब वह अपनी अपनी जिन्दगी में ही हमेशा व्यस्त रहते थे इस बात को जानते थे कि वह शायद कभी मिल पायंगे क्योकि जिस कम्पनी में वह काम करते थे अब दोनो की कम्पनी भी बदल गयी थी अब कुछ भी कहना मुश्किल था उनके पास कोई पता अभी नहीं था जिससे वह मिल सकते है समय बीत गया था जैसा की सभी जानते है की समय रूकता नहीं है वह भी तेजी से निकल रहा था दोनो के बच्चे बड़े हो गए थे अब उनकी शादी की जा सकती थी, दोनो दोस्तो के एक लड़का और दूसरे के पास एक लड़की थी, इत्तेफाक से दोनो एक ही कक्षा मे पढते थे और दोनो अच्छे दोस्त भी बन गये थे लड़के के पिताजी लड़के के साथ उस लड़की को देखे तो उस लड़के को बुलाते ओर पूछते है कि वह लड़की कौन है जिससे तुम बात कर रहे हो तो लड़का बताता है कि यह लड़की मेरे साथ में पढ़ती है, वह उस लड़की के पिताजी का नाम पूछते है नाम सुनकर सोचते है, क्योकि यह नाम उनके दोस्त का था नाम तो किसी का भी हो सकता है तो वह उनके दोस्त को याद करने लग जाते है कुछ दिन बाद उनके लड़के का जन्मदिन आता है और वह लड़की भी वहा होती है लड़के के पिताजी को लगने लगता है कही ये मेरे दोस्त की बेटी तो नही है यह सोचकर वह लड़की से पुछते है उसकी परिवार के बारे में तब पता चलता है की वह लड़की उनके ही दोस्त की बेटी है उसके बाद दोनो पुराने दोस्त मिल जाते है।
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