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साँई टायपिंग इन्‍स्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा, सीपीसीटी न्‍यू बैच प्रारंभ संचालक- लकी श्रीवात्री मो. नं. 9098909565

created Jan 25th 2020, 12:59 by Sai computer typing


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ये कहानी एक सियार की है जो कभी जवान और फुर्तीला हुआ करता था लेकिन कहते हैं कि समय किसी के लिये बैठा नहीं रहता, वो हमेशा चलता रहता है। और अब वो सियार बूढ़ा हो चुका था उसमें इनती भी ताकत नहीं थी कि वो शिकार करके अपने पेट की भूख मिटा सके, कभी-कभी तो उसे भूखा ही सोना पड़ता था।  
सियार ने कई दिनों से कुछ खाया नहीं था और और भूखे पेट इधर-उधर भटक रहा था। एक दिन सियार कहीं जा रहा था और उसे पता चला कि इस रास्‍ते पर एक कुत्‍ते का मृत शरीर पड़ा हुआ है और उसने अपने पेट की भूख मिटाने के लिये उस रास्‍ते से  जाने का सोचा। सियार जा ही रहा था कि उसे  रास्‍ते में उसी तरफ से एक डरावनी सी आवाज आती हुई सुनायी दी, सियार डर गया और उसने अपना रास्‍ता बदल दिया लेकिन फिर उसने सोचा कि अगर इस रास्‍ते से में गया तो भूख की वजह से मेरे प्राण जाने ही वाले हैं तो क्‍यों इसी रास्‍ते से चलकर अपनी भूख मिटाई जाये। और सियार उसी रास्‍ते पर चल पड़ा जिस रास्‍ते पर कुत्‍ते का मृत शरीर पड़ा हुआ था, वहां पहुंचकर उसने देखा कि पेड़ की दो डालियां आपस में टकरा रही थी और जिससे वो डरावनी आवाज रही थी। इसे देखकर सियार अपने ऊपर जोर-जोर से हँसने लगा कि मैं फाल्‍तू में डर रहा था, अच्‍छा हुआ मैने अपना रास्‍ता नहीं बदला।  
और उसने कुत्‍ते के मृत शरीर से अपनी पेट की भूख मिटाई।  
इससे हमें यह सीख मिलती है कि जब हम अपने जीवन में अपने लक्ष्‍य की तरफ आगे बढ़ रहे होते हैं तो हमारे रास्‍ते बहुत से ऐसे डरावने आवाज आती है  जिससे कुछ लोग डर कर वही से वापस जाते हैं और कुछ जिन्‍दगी दांव पर रखकर आगे बढ़ जाते हैं। और जो आगे बढ़ जाते हैं वो इतिहास रचते हैं और दुनियां उनको युगों-युगों तक याद रखती है।  
 
 

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