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सॉंई टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 सीपीसीटी न्यू बैच प्रारंभ संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नं. 9098909565
created Feb 24th 2020, 11:44 by rajni shrivatri
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मौर्य साम्राज्य में बार यूनान के राजदूत का आना हुआ तो उसने मौर्य साम्राज्य के महामंत्री चाणक्य की प्रशंशा प्रत्येक मनुष्य जो वहां क रहने वाला और आस पास के लोगों के मुख से सुनी तो उसे चाणकय से मिलने की इच्छा हुई कि देखूं तो सही इतना प्रभावशाली व्यक्ति है कौन आखिर?
दरबार से पता पूछने के बाद राजदूत चाणक्य से मिलने के लिए उनके निवास स्थान गंगा के किनारे चल दिया। वहां पहुंचने के बाद देखता है कि गंगा के किनारे एक आकर्षक व्यक्तित्व का धनी लम्बा चौड़ा पुरूष नहा रहा था। जब वह आदमी नहा कर कपड़े धोने लगा तो राजदूत ने पास जाकर उस व्यक्ति से पूछा कि क्या आप चाणक्य का घर जानते है इस पर उस व्यक्ति ने सामने एक झौपड़ी की और इशारा किया।
राजदूत को भरोसा ही नहीं हुआ कि किसी राज्य का महामंत्री इस साधारण झौपड़ी में रहता होगा लेकिन फिर भी वो उस झौपड़ी की और चल पड़ा और भीतर जाकर उसने उस झौपडी को खाली पाया। यह देखकर राजदूत को लगा कि गंगा के किनारे उसे मिले उस व्यक्ति ने उसका मजाक बनाया है ऐसा सोचकर वो मुड़ने लगा तो क्या देखता है कि वही व्यक्ति उसके सामने खड़ा है। यह देखकर वो राजदूत उस व्यक्ति से कहने लगा अपने तो कहा था न कि चाणक्य यहीं रहते है लेकिन यहां तो कोई नहीं है, अपने मेरे साथ मजाक किया है क्या? इस पर राजदूत हैरान रह गया कहने लगा मौर्य सम्राज्य के महामंत्री और इतनी सरल दिनचर्या और वो भी इस झौपडी में निवास कमाल है विश्वास ही नहीं होता।
चाणक्य ने बड़ी सादगी से जवाब दिया कि अगर मैं महलों और राजभवन की सुविधाओं के बीच रहने लग जाऊ तो प्रजा के हिस्से में झोपडी आ जाएगी इसलिए मैं प्रजा धर्म का निर्वहन करते हुए यहां रहता हूं।
दरबार से पता पूछने के बाद राजदूत चाणक्य से मिलने के लिए उनके निवास स्थान गंगा के किनारे चल दिया। वहां पहुंचने के बाद देखता है कि गंगा के किनारे एक आकर्षक व्यक्तित्व का धनी लम्बा चौड़ा पुरूष नहा रहा था। जब वह आदमी नहा कर कपड़े धोने लगा तो राजदूत ने पास जाकर उस व्यक्ति से पूछा कि क्या आप चाणक्य का घर जानते है इस पर उस व्यक्ति ने सामने एक झौपड़ी की और इशारा किया।
राजदूत को भरोसा ही नहीं हुआ कि किसी राज्य का महामंत्री इस साधारण झौपड़ी में रहता होगा लेकिन फिर भी वो उस झौपड़ी की और चल पड़ा और भीतर जाकर उसने उस झौपडी को खाली पाया। यह देखकर राजदूत को लगा कि गंगा के किनारे उसे मिले उस व्यक्ति ने उसका मजाक बनाया है ऐसा सोचकर वो मुड़ने लगा तो क्या देखता है कि वही व्यक्ति उसके सामने खड़ा है। यह देखकर वो राजदूत उस व्यक्ति से कहने लगा अपने तो कहा था न कि चाणक्य यहीं रहते है लेकिन यहां तो कोई नहीं है, अपने मेरे साथ मजाक किया है क्या? इस पर राजदूत हैरान रह गया कहने लगा मौर्य सम्राज्य के महामंत्री और इतनी सरल दिनचर्या और वो भी इस झौपडी में निवास कमाल है विश्वास ही नहीं होता।
चाणक्य ने बड़ी सादगी से जवाब दिया कि अगर मैं महलों और राजभवन की सुविधाओं के बीच रहने लग जाऊ तो प्रजा के हिस्से में झोपडी आ जाएगी इसलिए मैं प्रजा धर्म का निर्वहन करते हुए यहां रहता हूं।
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