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Maa sharda college of computer science:-!! आपकी मेहनत हमारा !! mo: 6232080797,8305282867
created Feb 25th 2021, 06:49 by Nitin Kushwaha
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स्वामी विवकेानंद जी से ही मेधावी छात्र थे और सभी लेाग उनके व्यक्तित्व और वाणी से प्रभावित रहते थे। जब वह अपने साथी छात्रों से कुछ बताते तो सब मंत्रमुग्ध हो कर उन्हें सुनते थे एक दिन कक्षा में वो कुछ मित्रों को कहानी सुना रहे थे। सभी उनकी बाते सुनने में मग्न थे की उन्हें पता ही नहीं चला की कब मस्टर जी कक्षा में आये और पढ़ाना शुरू ही किया था कि उन्हें कुछ फुसफुसाहट कि आवाज सुनाई दी कौन बात कर रहा है मास्टर जी ने तेज आवाज में पूछा। सभी छात्रोें ने स्वामी जी और उनके साथ बैठे छात्रों की तरफ इशारा कर दिया। मास्टर जी क्रोधित हो गए। उन्होंने तुरंत उन छात्रों को बुलाया और पाठ से संबधिति प्रश्न पूछने लगे। जब कोई भी उत्तर नहीं दे पाया तब मास्टर जी ने स्वामी जी से वही प्रश्न किया,
स्वामी जी तो मानों सब कुछ प्रश्न का उत्तर दे दिया। यह देख कर मास्टर जी को यकीन हो गया कि स्वामी जी पाठ पर ध्यान दे रहे थे। बाकी छात्र बात-चीत कर रहे थे। फिर क्या था। उन्होनें स्वामी जी को छोड़ सभी को बेंच पर खड़े हाेने की सजा दे दी। सभी छात्र एक एक कर बेंच पर खड़े होने लगे। स्वामी जी ने भी यही किया। मास्टर जी बोले नरेन्द्र तुम बैठ जाओ नहीं सर मुझे भी खड़ा होना होगा। क्योंकि वों मैं ही था, जो इन छात्रों से बात कर रहा था। स्वामी जी ने आग्रह किया। सभी उनकी सच बोलने की हिम्मत देख बहुत प्रभावित हुए।
कहानी- इस कहानी से यह शिक्षा मिलती हे कि मार्ग कितना भी कठिन क्यों न हो सदा सत्य का साथ देना चाहिए।
स्वामी जी तो मानों सब कुछ प्रश्न का उत्तर दे दिया। यह देख कर मास्टर जी को यकीन हो गया कि स्वामी जी पाठ पर ध्यान दे रहे थे। बाकी छात्र बात-चीत कर रहे थे। फिर क्या था। उन्होनें स्वामी जी को छोड़ सभी को बेंच पर खड़े हाेने की सजा दे दी। सभी छात्र एक एक कर बेंच पर खड़े होने लगे। स्वामी जी ने भी यही किया। मास्टर जी बोले नरेन्द्र तुम बैठ जाओ नहीं सर मुझे भी खड़ा होना होगा। क्योंकि वों मैं ही था, जो इन छात्रों से बात कर रहा था। स्वामी जी ने आग्रह किया। सभी उनकी सच बोलने की हिम्मत देख बहुत प्रभावित हुए।
कहानी- इस कहानी से यह शिक्षा मिलती हे कि मार्ग कितना भी कठिन क्यों न हो सदा सत्य का साथ देना चाहिए।
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