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मंगल टाईपिंग (INDIANA)

created Aug 12th 2022, 02:26 by gg


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उधम सिंह का जन्म 26 दिसंबर, 1899 को पंजाब में संगरूर जिले के सुनाम गंव में हुआ था। उनके पिता रेलवे चौकीदार थे। उधम सिंह के बचपन का नाम शेर सिंह था। छोटी उम्र में मता-पिता के निधन के बाद उन्हें अपने बड़े भाई का साथ अमृतसर के अनाथालय में शरण लेनी पड़ी, जहां उन्हें नया नाम उधम सिंह मिला। हालाकिं बाद में उन्होंने अपना नाम बदलकर राम मोहम्मद सिहं आजाद रख लिया, जो सर्वधर्म समभाव का प्रतीक था।
अनाथालय में ही उनके बड़े भाई की मृत्यु होने के दो साल बाद उन्होंने मैट्रिक पास किया, फिर 1919 में अनाथालय से निकलकर वह क्रांतिकारी अभियान में शमिल हो गए।  
उसी साल अमृतसर के जलियांवाला बाग में अग्रेंजों ने खून की होली खेली थी। उधम सिंह ब्रिटिशों की नृशंसता की उस घटना के केवन प्रत्यक्षदर्शी थे, बल्कि उस हादसे ने उनके जीवन पर भी बड़ा प्रभाव डाला। जलियावाला बाग की मिट्टी को हाथ में लेकर उन्होंने जनरल डायर और पंजाब के तत्कालीन गवर्नर माइकल ड्वायर को सबक सिखाने की शपथ ली। भगत सिहं को उधम सिंह अपना गुरु मानते थे। अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए  क्रातिकारीयों से चंदा इकट्ठा कर उधम सिंह भारत से निकल गए। उन्होंने अफ्रीका, नौरोवी, ब्राजील और एमेरिका की यात्रा की और वहां गदर पार्टी में शामिल हो गए। वर्ष 1934 में वह ब्रिटेन पहुंचे। लेकिन जनरल डायर की ब्रेन हेमरेज से 1927 में ही मौत  हो गई थी। अतः उधम सिहं के निशाने पर अब सिर्फ ड्वायर ही थे।
उन्होंने यात्रा के उद्देश्य से एक कार और एक रिवॉल्वर खरीदी। आखिरकार 1940 में उनको इसका अवसर मिला। जलियांवाला बाग के 21 साल बाद 13 मार्च, 1940 को रॉयल सेंट्रल एशियन सोसाइटी की लंदन के कॉक्सटन हॉल में एक बैठक के दौरान ड्वायर  पर गोलियां दाग दीं। इस तरह से  उधम सिहं ने जलियावाला बाग का बदला लिया।
उपरोक्त गद्यांश में यदि कोई भूल चूक हो गई हो तो कृपया क्षमा कीजिए।

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