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बंसोड कम्प्यूटर टायपिंग इन्स्टीट्यूट छिन्दवाड़ा म0प्र0 प्रवेश प्रारंभ (सीपीसीटी, एवं TALLY ) MOB. NO. 8982805777
created Mar 18th, 04:06 by shilpa ghorke
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चेतन अपनी मां के साथ बहुत अच्छे घर में रहता था। वह बहुत अच्छा लड़का था वह अपनी मां की बात मानता था। चेतन की मां बहुत अच्छे पकवान बनाती थी। चेतन को पकवान खाना बहुत पसंद था। एक दिन चेतन की मां ने बहुत बढि़या पकवान बनाकर 1 बड़े जार में रख दिया। और फिर बाजार चली गई बाजार जाने से पहले चेतन की मां चेतन से बोल कर गई थी। कि वह अपना गृह कार्य समाप्त करने के बाद वह यह पकवान खा सकता है। चेतन बहुत खुश हुआ वह जल्दी से अपना गृह कार्य समाप्त करके अपनी मां के लौटने से पहले ही पकवान खाना चाहा। वह जार के अंदर हाथ डाल कर ढेर सारे पकवान निकालना चाहा। पर जार का मुंह छोटा होने के कारण वह अपना हाथ बाहर नहीं निकल सका। उसी समय उसकी मां बाजार से लौट आई। चेतन की मां ने जब चेतन को देखा तो बहुत हंसी और चेतन से बोला तुम एक या दो पकवान पकड़ कर हाथ बाहर निकालो। मां की बात मान कर वह दो पकवान पकड़ कर हाथ को बाहर निकाला तो वह आसानी से निकाल पाया। तब उसकी मां ने समझाया कि ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए। जितनी जरूरत हो उतनी ही चीजें लेनी चाहिए। हमें लालच नहीं करना चाहिए आवश्यकता से अधिक लेने के लिए जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए।
