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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH-SUBODH KHARE
created Mar 21st 2017, 10:21 by GuruKhare
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आज साम मोहन अपने भाई के साथ बाजार गया वहां जाने पर उसने देखा बाजार में तरह तरह की मिठाईयां मिल रही थी मोहन ने अपने भाई श्यामू से कहा कि भाई चलो मिठाई खाते है, वही गीता पानी पूरी पी रही थी गीता मोहन की दोस्त थी, श्यामू और मोहन दोनों गीत के पास गये और पानी पूरी पीने लगे फिर सभी ने बाजार से कपडे खरीदे और माता जी पिता जी को भी मिठाई ले गये, दूसरे दिन सभी स्कूल से घर आये फिर कान्हा बाबा के मेलें में गये। वहां सभी ने झूला झला और मेले में कठपुतली को खेल देखा और बहुत मस्ती की, मेले से आते समय रास्ते में कजली मिल गयी वह गीता की स्कूल दोस्त थी। फिर सभी चिडि़या घर गये वहां देखा तो जानवर पिजड़े में कैद थे, वह खुश नही लग रहे थे, मोहन को जानवरो को कैद देखकर बहुत द:ख हुआ, चिडियां घर में जानवर लोगो को दिखाने और उनसे पैसे कमाने के लिए बनाये जाते है, लेकिन कभी नही सोचा कि जानवर भी अपनी दुनिया में ही खु:श रहते है। एक पिजड़े में तो बेचार शेर था। जो लग रहा था कि बहुत समय से भूखा हो , वही बगल के पिजडे मे एक हिरण था, लग रा था, कि वह अपनों को बहुत याद कर रहा हो, ऐसा लग रहा था, कि वह भी अपनी मां के पास जाना चाहता हों। भालू भी खुश नही दिख रहा था, लग रहा था, कि जैसे चिडि़या घर वालों ने बहुत दिन से भालू मामा को शहद नही दिया हो।
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