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19 मार्च CPCT-1st shift -माई होम कम्‍प्‍यूटर टीकमगढ़-सुबोध खरे

created Mar 22nd 2017, 04:25 by SubodhKhare1340667


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किसी जंगल में एक शेर रहता था। उसका एक अजीब सा शौक था कि उसे हर दिन एक नए तरह के जानवर का मांस खाना होता था। इसके चलते वह प्रतिदिन अलग अलग जानवरों का शिकार करता और अपने पेट की आग बुझाता एक दिन उसके मन में आया कि क्‍यों आज रात के खाने में किसी गधे का मांस खाकर भूख मिटाई जाए। यह सोच कर उसने अपने सहायक लोमडी से कहा कि वह उसके लिए कोई गधा ढूंढ लाए। गधे को फुसला कर लाने कि तरकीब बताते हुए शेर ने कहा कि तुम यह कहना कि मैंने उसे शादी के रिष्‍ते की बात करने के लिए बुलाया है। शेर का आदेश सुनकर लोमडी किसी गधे की तलाश में निकल पडा और आखिर में उसे एक गधा मिल ही गया जिसे उसने शेर का सनदेश सुना दिया। बादशाह के परिवार में रिश्‍ते की बात सोचते ही गधा बेहद खुश हुआ और फूल कर कुप्‍पा हो गया। वह तुरंत ही लोमडी के साथ चल पडा। जैसे ही वे दोनों शेर की गुफा के पास पहुंचे तो शेर एकदम से गधे पर झपट पडा और अपने एक ही पंजे के वार से उसका काम तमाम कर दिया। फिर उसने अपने सहायक लोमडी से कहा कि मेरे शिकार का ध्‍यान रखना, मैं जरा नहा लूं। उसके बाद इसे खाऊंगा। यह कह कर शेर तो नहाने चला गया लेकिन तभी लोमडी को लालच गया शेर की आने से पहले गधे के शरीर का बेहतरीन हिस्‍सा यानी दिमाग निकाल कर खा गया। नहाकर जब शेर लौटा और गधे की ओर देखा तो उसने पाया कि गधे का दिमाग गायब था। लोमडी ने अपने सपने में भी नहीं सोचा था कि शेर का ध्‍यान गधे के गायब दिमाग की ओर चला जाएगा। लेकिन चालाक होने के कारण लोमडी ने फटाफट जवाब दिया, कि मालिक, गधे का दिमाग होता ही नहीं है। मै क्‍या उसे तो कोई बिना दिमाग वाला गधा ही तो शाही घराने में रिश्‍ते कि बात सोच सकता है। शेर इस बात से सहमत हो गया और कहने लगा कि तुम्‍हारी बात बिलकुल सही है। बस इतना कह कर शेर ने गधे का बचा हुआ मांस खाकर अपनी भूख मिटाई और गुफा में जाकर सो गया। इस कहानी से पता चलता है कि हमें कभी भी किसी की बात पर बिना सोचे समझे भरोसा नहीं करना चाहिए। इसलिए सदा समझदारी से काम लेना चाहिए चाहे उसमे देर ही क्‍यों लग जाए।

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