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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH-CPCT- SUBODH KHARE ''बाघ और हाथी''
created Apr 25th 2017, 06:58 by SubodhKhare1340667
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जंगल हमें अनोखा और सुंदर लगता है। पर जंगल की शान हैं-बाघ और हाथी। ये अपनी-अपनी तरह से जंगल की सुंदरता और रोमांच को बढ़ाते हैं। शायद इसलिए पुराने ज़माने की कहानियों और लोककथाओं में भी बाघ और हाथी का बार-बार वर्णन मिलता है। ज़्यादातर कहानियों में अनके बल और प्रभाव की तारीफ होती है। बाघ इतना चुस्त, फुर्तीला और बलशाली जानवर है कि शायद ही जंगल का कोई और जानवर इसका मुकाबला कर पाए। बाघ की पहचान इसकी काली धारियां हैं, जिनके कारण यह धारियोंवाला जानवर भी कहलाता है। अंग्रेजी में इसे टाईगर कहते है।
बाघ की एक और खासियत इसका पारिवारिक जीवन है। यह अपनी पत्नी और बच्चों से बहुत प्यार करता है। वैसे शिकार तो ज़्यादातर बाघिन करती है और वही बच्चों को शिकार करने लायक तथा आत्मनिर्भर भी बनाती है। बाघ छोटे-मोटे जानवरों की तो परवाह ही नहीं करता। वे तो उसकी एक गर्जना से ही थरथरा जाते हैं। जंगली सूअर या हाथी उसे चुनौती दें तो कई बार भिडंत बड़ी रोमांचक हो जाती है। कभी-कभी दो बाघ भी प्रयास में भिड़ जाते हैं। ऐसी हालत में जब तक मुकाबला चलता रहता है। दोनों मैदान छोड़कर भाग न जाए, तब तक मुकाबला चलता रहता है। दोनों चाहे कितने ही लहूलुहान क्यों न हो जाएं, लड़ाई नहीं रुकती।
आज जंगल के राजा बाघ पर संकट मँडराता जा रहा है। गीर और कान्हा सहित बहुत से अभयारण्यों में बाघों की संख्या तेजी से घटती जा रही है। आदमी छल-बल से उन्हें मार देता है। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो बाघ जिन्हें भारत की शान कहा जाता है, वे केवल किस्से-कहानियों में ही रह जाएंगे। बाघ की तरह हाथी भी बेहद बुद्धिमान और बलशाली जानवर है। इसकी शान का भी जवाब नहीं। बाघ की तुलना में यह काफी विशाल जानवर है जिसे आते देखकर लगता है, जैसे कोई छोटा-मोटा पहाड़ चला आ रहा हो। पर हाथी बडा पसंद है। ऐसे समय हाथी की आँखों में भी बड़ी गहरी ममता देखी जा सकती है। वैसे सरकस में यह एक से एक बड़े अजूबे दिखाता है। किसी बड़ी से बड़ी बाधा या मुश्किल से यह नहीं घबराता। हाथी में धैर्य भी है, बल भी ओर बुद्धि भी। इसलिए यह सभी का लाड़ला जानवर है हर जगह इसे बहुत सम्मान दिया जाता है।
बाघ की एक और खासियत इसका पारिवारिक जीवन है। यह अपनी पत्नी और बच्चों से बहुत प्यार करता है। वैसे शिकार तो ज़्यादातर बाघिन करती है और वही बच्चों को शिकार करने लायक तथा आत्मनिर्भर भी बनाती है। बाघ छोटे-मोटे जानवरों की तो परवाह ही नहीं करता। वे तो उसकी एक गर्जना से ही थरथरा जाते हैं। जंगली सूअर या हाथी उसे चुनौती दें तो कई बार भिडंत बड़ी रोमांचक हो जाती है। कभी-कभी दो बाघ भी प्रयास में भिड़ जाते हैं। ऐसी हालत में जब तक मुकाबला चलता रहता है। दोनों मैदान छोड़कर भाग न जाए, तब तक मुकाबला चलता रहता है। दोनों चाहे कितने ही लहूलुहान क्यों न हो जाएं, लड़ाई नहीं रुकती।
आज जंगल के राजा बाघ पर संकट मँडराता जा रहा है। गीर और कान्हा सहित बहुत से अभयारण्यों में बाघों की संख्या तेजी से घटती जा रही है। आदमी छल-बल से उन्हें मार देता है। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो बाघ जिन्हें भारत की शान कहा जाता है, वे केवल किस्से-कहानियों में ही रह जाएंगे। बाघ की तरह हाथी भी बेहद बुद्धिमान और बलशाली जानवर है। इसकी शान का भी जवाब नहीं। बाघ की तुलना में यह काफी विशाल जानवर है जिसे आते देखकर लगता है, जैसे कोई छोटा-मोटा पहाड़ चला आ रहा हो। पर हाथी बडा पसंद है। ऐसे समय हाथी की आँखों में भी बड़ी गहरी ममता देखी जा सकती है। वैसे सरकस में यह एक से एक बड़े अजूबे दिखाता है। किसी बड़ी से बड़ी बाधा या मुश्किल से यह नहीं घबराता। हाथी में धैर्य भी है, बल भी ओर बुद्धि भी। इसलिए यह सभी का लाड़ला जानवर है हर जगह इसे बहुत सम्मान दिया जाता है।
