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Typing test for MP High court
created Oct 11th 2017, 18:05 by kameshrathore
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जैसा की, वित्तीतय आस्तियों के प्रतिभूतिकरण एवं पुनगर्ठन तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम 2002 के अंतर्गत अधोहस्ता क्षरी द्वारा जो कि बैंक ऑफ इंडिया के अधिकृत अधिकारी है तथा प्रतिभूति हित (प्रवर्तन) नियमावली, 2002 के नियम 3 के साथ पठित धारा 13 (2) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अधोहस्तासक्षरी ने उक्त अधिनियम की धारा 13 (2) के अंतर्गत मांग सूचना जारी कर यहां नीचे सूचीबद्ध ऋणियों / जमाकर्ताओं को नीचे दिये गये विवरणों के अनुसार संबंधित सूचनाओं की तिथि के 6 दिनों के अंदर एक संबंधित मांग सूचना / सूचनाओं में वर्णित राशि वापस लौटाने के लिए कहा गया था। अधोहस्ताअक्षरी ने निम्नग ऋणधारकों को पंजीकृत डाक द्वारा भिजवाया गया था । पर वह डिलिवरी बिना वापस लौट आई। उपरोक्ते के सिलसिलें में एक बार पुन: ऋणियों / जमानतकर्ताओं को सूचित किया जाता है कि वे नीचे वर्णित तिथि से भुगतान एवं सूचना में वर्णित लागू होने योग्यब दरोंपर आगे के ब्यायज के साथ यहां नीचे दर्शायी गई राशि का सूचना के प्रकाशन की तिथि से 60 दिनों के अंदर बैंक ऑफ इंडिया , निम्नदलिखित शाखाओं को भुगतान करें।
यदि उक्तर ऋणियों /जमानतकर्ताओं के द्वारा बैंक को उपरोक्तय भुगतान करने में विफल होते हैं तो इस अधिनियम की धारा13 (4) तथालागू होने योग्य नियमों के अंतर्गत लागतों एवं परिणामों के संदर्भ में उक्तय ऋणियों / जमानतकर्ताओं को संपूर्ण जोखिम पर उक्तं प्रतिभूत संपत्तियों के प्रति बैंक आगे की कार्यवाही करेगा। संबंधित ऋणियों / जमानतकर्ताओं एवं सर्वसाधारण को एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि उपरोक्त कथित परिसंपत्ति में लेन-देन ना करें। यदि इसमें कोई लेन-देन किया जाता है, ऋणियों / जमानतकर्ताओं के विरूद्ध देय राशि हेतु बैंक बॉफ इंडिया के प्रभार के अधीन होगा। इस अधिनियम के अंतर्गत बैंक आॅॅफ इंडिया की पूर्व लिखित सहमति के बिना ऋणधारक बिक्री/ पट्टा अथवा अन्य् रूप से उपरोक्तप परिसंपत्तियों का
उल्लंघन करने पर इस अधिनियम के प्रावधान के अंतर्गत दण्ड् हो सकता है।
यदि उक्तर ऋणियों /जमानतकर्ताओं के द्वारा बैंक को उपरोक्तय भुगतान करने में विफल होते हैं तो इस अधिनियम की धारा13 (4) तथालागू होने योग्य नियमों के अंतर्गत लागतों एवं परिणामों के संदर्भ में उक्तय ऋणियों / जमानतकर्ताओं को संपूर्ण जोखिम पर उक्तं प्रतिभूत संपत्तियों के प्रति बैंक आगे की कार्यवाही करेगा। संबंधित ऋणियों / जमानतकर्ताओं एवं सर्वसाधारण को एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि उपरोक्त कथित परिसंपत्ति में लेन-देन ना करें। यदि इसमें कोई लेन-देन किया जाता है, ऋणियों / जमानतकर्ताओं के विरूद्ध देय राशि हेतु बैंक बॉफ इंडिया के प्रभार के अधीन होगा। इस अधिनियम के अंतर्गत बैंक आॅॅफ इंडिया की पूर्व लिखित सहमति के बिना ऋणधारक बिक्री/ पट्टा अथवा अन्य् रूप से उपरोक्तप परिसंपत्तियों का
उल्लंघन करने पर इस अधिनियम के प्रावधान के अंतर्गत दण्ड् हो सकता है।
