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मंगल फांट (कम्प्यूटर आपरेटर) post by rahul rkc1991
created Oct 14th 2017, 03:27 by RahulChaudhary5170
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विश्व में घड़ियाल के पुनर्वास के लिए विख्यात लखनऊ का कुकरैल वन क्षेत्र जल्दी ही नई पहचान प्राप्त कर लेगा। अब कुकरैल वन क्षेत्र में वन्यजीवों का भी दीदार होगा। यहां पर वन्यजीवों की सफारी बनाई जा रही है। साथ ही कुकरैल क्षेत्र में राज्य का पहला बायोडायवर्सिटी पार्क भी विकसित किया जाएगा, जिसमें ईको टूरिज्म को भी काफी बढ़ावा मिलेगा। लखनऊ में इंदिरा नगर से सटा कुकरैल जंगल है। करीब 5100 एकड़ में फैले वन क्षेत्र में तमाम पेड़-पौधों की प्रजातियां है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एके उपाध्याय ने सितंबर माह में घोषणा की थी कि, कुकरैल वन क्षेत्र को ईको टूरिज्म पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें टाइगर समेत अनेक वन्यजीवों को रखा जाएगा। फिलहाल यहां कछुओं और घड़ियालों का संरक्षण किया जा रहा है। अब यहां कई तरह के वन्यजीवों को रखा जाएगा। जिससे लखनऊ के वन्य प्रेमियों को नया आकर्षण देखने को मिलेगा। राजकीय निगम के एमडी विश्वदीपक ने बताया कि, इस संबंध में जिम्मेदारी हमको मिली है। जिसके लिए सबसे पहले शुरूआत आर्किटेक्ट की तलाश से किया गया है। आर्किटेस्ट के लिए टेंडर प्रक्रिया का आगाज कर दिया गाय है। इस महीने के अंत तक आर्किटेक्ट का चुनाव हो जाएगा। वह डीपीआर बना कर हम आगे बढ़ेंगे। राजकीय निर्माण निगम की योजना के मुताबिक यहां ओपन एयर जिम, रोप एडवेंचर गेम के लिए भी व्यवस्था होगी। जिसके लिए अलग से जगह नियत होंगी। इसके अलावा बोटिंग का मजा लेने के शौकीनों के लिए यहां बोटिंग का भी इंतजाम किया जाएगा। इस बायोडाइवर्सिटी पार्क में अलग अलग तरह के पार्क बनेंगे। जिसमें बटरफ्लाई पार्क, हर्बल पार्क और कैक्टस पार्क अलग अलग बनाए जाएंगे। इन स्थलों के आधार पर करना आधार पर करना होगा डिजाइन टाइगर लेपर्ड और बियर सफारी के लिए अलग अलग गुफाएं कोठरियों का निर्माण होगा। सभी सफारी के लिए रोड नेटवर्क भी बनाया जाएगा। स्कार्पियो क्लब से मोहम्मदपुर गांव के लिए सड़क पार करने के लिए अंडरपास का निर्माण होगा। पशुओं के लिए अस्पताल और पोस्टमार्टम हाउस भी बनेगा। शापिंग प्लाजा, फूडकोर्ट, टिकट विंडो, स्टाफ क्वार्टर यदि आप सेहत के प्रति फिक्रमंद है और बाजार में बिकने वाली केमिकल युक्त हरी सब्जिों का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं तो घर पर ही आसानी से हरी सब्जियां पूरी तरह से जैविक होने के कारण स्वादिष्ट तो होंगे ही साथ ही सेहत के लिए भी मुफीद होंगी। यदि आपके पास खुली जमीन नहीं है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसके लिए आप बहुत आसानी से घर की छत या खाली पड़ी जगह में भी सब्जियां उगा सकतें है। इससे आपको यह फायदा होगा कि बिना रासायनों के शुद्ध जैविक ताजी सब्जियां मिलती रहेंगी।
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