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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH -(MP) High Court Test-350-word
created Nov 1st 2017, 05:23 by SubodhKhare1340667
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कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने एक सरल कर के रूप में जीएसटी की जो परिकल्पना की थी, उसका मकसद देश में एक समान टैक्स लागू करना ही नहीं, बल्कि उसकी दरें कम करना कोशिश था। इसका इससे कर ढांचा सरल होने के साथ ही मंहगाई में खासी कमी आती। 2011 में कांग्रेस ने 115वें संविधान संशोधन विधेयक के जरिए जो जीएसटी विधेयक पेश किया था, वह न केवल पारदर्शी था, बल्कि उसमें अधिकांश वस्तुएं भी कर मुक्त होने के साथ-साथ कर की अधिकतम दर 18 प्रतिशत के उच्च स्तर पर तय की जा रही थी। इससे व्यापार बढ़ता, अर्थव्यवस्था उपभोक्ता के लिए कीमतें कम होतीं और जीडीपी में 1-2 प्रतिशत की वृद्धि होती। इसके उलट 30 जून, 2017 के मध्य रात्रि को भाजपा सरकार द्वारा ऐसा जीएसटी कानून लागू किया गया, जिसने जटिलता बढ़ाने के साथ ही आम लोगों पर भारी बोझ डाल दिया।
दहेज प्रताड़ना के मामले में निचली अदालत दी गई द्वारा सजा को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ने यथावत रखा है। उन्होंने आरोपी पति को दहेज प्रताड़ना के मामलें में एक वर्ष कैद और एक हजार रुपये का जुर्माना जमा कराने के आदेश दिए है। इसके बाद आरोपी पति को जेल भेज दिया गया है। अपर लोक अभियोजक बृजबिहारी यादव ने बताया कि रामपुर थाना के ग्राम हनौता निवासी राजकुमार आदिवासी पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का मामला पत्नी ने ही दर्ज कराया था इस पर पूर्व में सुनवाई करते हुए 6 मार्च 2015 को जेएमएफसी मानवेन्द्र सिंह ने आरोपी पति को एक वर्ष की कैद और एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इस सजा के विरोध में आरोपी राजकुमार आदिवासी ने अपर सत्र न्यायाधीश बी.के मित्तल के यहाँ पर अपील की थी इस अपील पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश बी.के मित्तल ने अपील को निरस्त करते हुए जेएमएफसी द्वारा दी गई सजा को बरकरार रखा है।
विधानसभा के सत्र की शुरुआत 23 अक्टूबर को हुई श्रद्धांजलि के बाद हुई कार्य सलाहकार समिति (बीएसी) की बैठक में तय हुआ कि दोनों विधेयक 1. राज. दंड विधियां संशोधन विधेयक, 2017 (भादंस), प्रक्रिया संहिता 2017, 26 अक्टूबर को सदन के विचारार्थ लिए जाएंगे।
दहेज प्रताड़ना के मामले में निचली अदालत दी गई द्वारा सजा को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ने यथावत रखा है। उन्होंने आरोपी पति को दहेज प्रताड़ना के मामलें में एक वर्ष कैद और एक हजार रुपये का जुर्माना जमा कराने के आदेश दिए है। इसके बाद आरोपी पति को जेल भेज दिया गया है। अपर लोक अभियोजक बृजबिहारी यादव ने बताया कि रामपुर थाना के ग्राम हनौता निवासी राजकुमार आदिवासी पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का मामला पत्नी ने ही दर्ज कराया था इस पर पूर्व में सुनवाई करते हुए 6 मार्च 2015 को जेएमएफसी मानवेन्द्र सिंह ने आरोपी पति को एक वर्ष की कैद और एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इस सजा के विरोध में आरोपी राजकुमार आदिवासी ने अपर सत्र न्यायाधीश बी.के मित्तल के यहाँ पर अपील की थी इस अपील पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश बी.के मित्तल ने अपील को निरस्त करते हुए जेएमएफसी द्वारा दी गई सजा को बरकरार रखा है।
विधानसभा के सत्र की शुरुआत 23 अक्टूबर को हुई श्रद्धांजलि के बाद हुई कार्य सलाहकार समिति (बीएसी) की बैठक में तय हुआ कि दोनों विधेयक 1. राज. दंड विधियां संशोधन विधेयक, 2017 (भादंस), प्रक्रिया संहिता 2017, 26 अक्टूबर को सदन के विचारार्थ लिए जाएंगे।
