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UP police Asi, computer operator typing test hindi

created Nov 19th 2017, 13:29 by Raghvendra Pratap Si


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मैं बहुत उत्साहित था कि, मैं स्कूल ड्रेस में कैसा दिख रहा हूँ, मैंने मोजे और जूतें कैसे पहने, मुझे कैसे अपनी चीजों को सही तरीके से प्रयोग करनी है आदि। अन्ततः रात बीती और सुबह हो गई आसमान में चिड़ियों की अच्छी आवाज गूँज रही थी। सूरज चमक रहा था और मुडे पर खिड़की से सूर्य का प्रकाश पड़ रहा था। मेरी माँ कमरे में आई, उन्होंने मुझे अपनी प्यारी आवाज में उठाने की कोशिश की। शीघ्र ही, मैं अपनी ढकी हुई चादर से बाहर गया और अपनी माँ के आश्चर्य चकित कर दिया। वे चौकी और मुझे तैयार करने के लिए ले गई। मैं स्कूल बस में अपनी माँ के साथ स्कूल गया। वहाँ मैं अपने मित्रों और अध्यापकों से मिला। मुझे मेरी कक्षा अध्यापक कक्षा में ले गई और मेरी माँ ने बाहर बगीचे में अन्य माँओं की तरह इंतजार किया। मैं अपनी कक्षा में बहुत ही शान्त था, पर मैंने बहुत से बच्चों को अपनी माताओं के लिए रोते हुए सुना। मेरी कक्षा अध्यापक ने दरवाजा बन्द किया और उन्होंने स्मार्ट बार्ड पर हमें कुछ रुचिपूर्ण कहानियाँ दिखाई। सभी खुश हो गए। तब अध्यापिका ने हमसे हमारे बारे पुछा और हमें अपना नाम बताया। उन्होंने हम से कहा कि, हम अच्छे बच्चे हैं और हमें नियमित रुप से अपनी माताओं को याद किए बिना आना पड़ेगा। वो बहुतही नम्रता से बोल रही थी और सभी के साथ बहुत प्यार से व्यवहार कर रही थी। उन्होंने हम से कहा कि, यदि हम स्कूल प्रतिदिन आएगें तो वो हमें नियमित रुप से एक कहानी सुनाएंगी। दो घंटे के बाद स्कूल की छुट्टी हो गई और हम सभी अपनी-अपनी माताओं के साथ अपने घर गए। यह पहली बार था जब मेरी माँ ने मुझमें कुछ सकारात्मक बदलाव देखे थे, उन्होंने तभी मुझसे कहा, तुम एक अच्छे बच्चे हो। हम विद्यार्थियों की मदद करने के उद्देश्य से यहाँ बहुत से राष्ट्रीय पशु बाघ या बाघ पर निबंध उपलब्ध करा रहे हैं।
मैं बहुत उत्साहित था कि, मैं स्कूल ड्रेस में कैसा दिख रहा हूँ, मैंने मोजे और जूतें कैसे पहने, मुझे कैसे अपनी चीजों को सही तरीके से प्रयोग करनी है आदि। अन्ततः रात बीती और सुबह हो गई आसमान में चिड़ियों की अच्छी आवाज गूँज रही थी। सूरज चमक रहा था और मुझ पर खिड़की से सूर्य का प्रकाश पड़ रहा था। मेरी माँ कमरे में आई, उन्होंने मुझे अपनी प्यारी आवाज में उठाने की कोशिश की। शीध्र ही, मैं अपनी ढकी हुई चादर से बाहर गया। वहाँ मैं अपने मित्रों और अध्यापकों से मिला। मुझे मेरी कक्षा अध्यापक कक्षा में ले गई और मेरी माँ ने बाहर बगीचे में अन्य माँओं की तरह इंतजार किया। मैं अपनी कक्षा में बहुत ही शान्त था, पर मैंने बहुत से
 

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