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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP)

created Nov 20th 2017, 09:25 by subodh khare


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कुछ दिन पहले लश्‍कर-ए-तैयबा में शामिल हुए कॉलेज छात्र और फुटबॉलर अरशिद माजिद खान ने सुरक्षा बलों के सामने आत्‍मसर्मपण कर दिया  
     जम्‍मू -कश्‍मीर आतंकबाद के चलते दर्शकों से जब-तब सुर्खियों में रहता आया है। लेकिन पिछले हफ्तें  एक ऐसी घटना हुई, जो गुमराह होकर आतंकवाद संगठनों की गिरफ्त या प्रभाव मे चुके युवकों को नई राह दिखा सकती है। कुछ दिन पहले लश्‍कर-ए-तैयबा में शामिल हुए कॉलेज छात्र और फुटबॉलर अरशिद माजिद खान ने सुरक्षा बलो के सामने आत्‍मसमर्पण कर दिया। यों तो अफवाह उड़ाने और तनाव फैलाने में सोशल मीडिया की भूमिका किसी से छिपी नही है, पर इस मामलें में उसका एक बहुत सकारात्‍मक इस्‍तेमाल देखने में आया। सोशल मीडिया पर अपनी मां और पिता की घर लौटने की अपील वाला वीडियों देखने के बाद बीस वर्षीय अरशिद ने बीते गुरुवार की आधी रात को सेना के शिविर में पहुंच कर आत्‍मसमर्पण कर दिया। सामान्‍य जीवन में अपने इकलौते बेटे की वापसी से माता-पिता को कितनी खुशी हुई होगी, सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। अरशिद और उसके परिवार की जिदंगी तबाह होने से बच गई यह संतोष का विषय तो है ही, इस वाकयें ने यह भी दिखाया है कि जम्‍मू-कश्‍मीर में स्‍थायी शांति का एक शांतिपूर्ण ही, इस वाकये ने यह भी दिखाया है कि जम्‍मू-कश्‍मीर में स्‍थायी शांति का एक शांतिपूर्ण रास्‍ता भी हो सकता है। यह भी कम महत्‍वपूण्र नहीं कि अरशिद ने आत्‍मसमर्पण की सहाराना करते हुए सेना में मुख्‍यधारा में उसकी सुगम वापसी का भरोसा दिलाया है। दक्षिण कश्‍मीर में मानवीय स्‍पर्श के साथ लोगों से संपर्क बनाने में जुटे मेजर जनरल बीएस राजू ने कहा है कि राशिद पर कोई आरोप नहीं लगाया  जाएगा, उसे अपने करियर और अपनी खेल-प्रतिभा को निखारने का पूरा मौका दिया जाएगा। यह आश्‍वासन कीमती है, क्‍योंकि एक बार हिंसा का रास्‍ता पकड़ लेने के बाद वापसी आसान नहीं होती। गुमराह हुए युवक को लगता है कि वह लौट भी आए, तो पुलिस या सुरक्षा बल उसे जीने नहीं देंगे। बीएस राजू ने यह भी कहा है आतंकवाद से जुड़ने के बाद भले ही कूुछ युवाओं ने छोटे-मोटे अपराध किए हों, मैं उन्‍हें आश्‍वस्‍त करता हूँ  कि उनके प्रति नरम रुख रखा जाएगा। जम्‍मू-कश्‍मीर की मुख्‍यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी अरशिद की वापसी पर खुशी जताई है। दूसरी तरफ लश्‍कर-ए-तैयबा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि अरशिद की मां के अनुरोध को देखते हुए उसे जाने दिया अगबर मान लें कि लश्‍कर का दावा सही है, यानी आत्‍मसर्मपण करने के अरशिद के फैसले की जानकारी उसे थी फिरभी उसने उड़ंगा लगाया कोई खतरा पैदा किया, तब भी कई सवाल उठते हैं।

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