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अब लोग सर्च नहीं करते शोर मचाते हैं: एक मजेदार प्रसंग
created Nov 27th 2017, 04:43 by FIApanche
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				, जरूर पढ़ें | Changing habits 
Monday, November 27, 2017
नई दिल्ली। सोशल मीडिया के आने से पहले जब भी किसी के जहन में कोई सवाल आता था तो वो उसका जवाब सर्च करता था। विशेषज्ञों से बात करता था और अपने सवाल के जवाब तलाशता था परंतु भारतीयों की लाइफ में सोशल मीडिया एप डाउनलोड हो जाने के बाद उनके दिमाग से जवाब सर्च करने वाला विजेट शायद डीलिट हो गया। वो किसी भी तरह का शक करते हैं और शोर मचाते हैं। ऐसा ही एक मामला बेंगलुरु में पेश आया। हाईप्रोफाइल टीनू चेरियन अब्राहम एक इत्तेफाक पर शक कर बैठे। उन्होंने किसी विशेषज्ञ के बात नहीं की और सारा मामला ट्वीटर पर डाल दिया। कुछ समय के लिए तो गूगल ही संदेह के दायरे में आ गया था।
 
 
मामला क्या था
बेंगलुरु के टीनू चेरियन अब्राहम और उनकी पत्नी एक शादी में शामिल की तैयारियां कर रहे थे। तभी UrbanClap नाम की कंपनी की तरफ से उन्हे एक मैसेज मिला। उसमें कंपनी ने पेशकश की थी कि यदि शादी की तैयारियों में वो कुछ मदद चाहते हैं तो UrbanClap को ऐसा करने में खुशी होगी। टीनू चेरियन हैरान हो गए। वो बस यही सोच रहे थे कि किसी भी कंपनी को कैसे पता चला कि वो शादी की तैयारियां कर रहे हैं। क्योंकि न तो उन्हें शादी में आने का न्योता डिजिटल तरीके से मिला था न ही उन्होंने इंटरनेट पर शादी से जुड़ी कोई भी सर्च की थी। फिर आखिर किसी आॅनलाइन कंपनी को कैसे पता चल गया कि उनका प्लान क्या है।
 
तो क्या गूगल जासूसी कर रहा है
फिर ध्यान में आया कि कई एप्स इंटरनेट की गतिविधियों को ट्रैक करते हैं। यही कारण है आपने कोई चीज सर्च की और थोड़ी ही देर में उससे संबंधित एड दिखने लगते हैं। ऐसा इसलिए होता है कि जैसे ही आप गूगल पर किसी चीज के बारे में सर्च करते हैं तो गूगल से जुड़े सारे ऐप्स के पास वो डिटेल पहुंच जाती है और उसके बाद वो उसी चीज का एड कर ग्राहकों को लुभाने की कोशिश में लग जाते हैं।
 
अब्रहाम दंपत्ति ने क्या किया
अब्रहाम दंपत्ति ने अपने सर्च डिटेल दोबारा चेक करके ये आश्वस्त किया कि कहीं उन्होंने ही गलती से कुछ ऐसा सर्च न किया हो। पर उन्होंने पाया कि इससे संबंधित कुछ भी उन्होंने सर्च नहीं किया था। वो दोनों हैरान थे कि आखिर कैसे उस एप को उनके प्लान के बारे में पता चला। इस बारे में उन्होंने किसी तकनीकी विशेषज्ञ से कोई मदद नहीं ली। बस उनके पास जितनी जानकारी थी उसका उपयोग किया और खुद को संतुष्ट कर लिया।
 
फिर शुरू हुआ शोर: गूगल प्राइवेट लाइफ की जासूसी करता है
अपने ऐंड पर श्योर होते ही टीनू चेरियन ने शोर मचाना शुरू कर दिया। वो कंपनी को उसके अधिकृत संपर्क ईमेल एड्रेस जो उसी बेवसाइट पर मौजूद है, [email protected] पर भी संपर्क करके पूछताछ कर सकते थे परंतु उन्होंने ऐसा नहीं किया। टीनू ने इस मुद्दे को उछालने के लिए ट्विटर का उपयोग किया। उन्होंने कंपनी को टैग करते हुए लिखा 'मेरी बीवी के साथ ये पिछले हफ्ते हुआ और ये बहुत ही घटिया था @urbanclap. आपको कैसे पता चला कि पिछले हफ्ते हमें शादी में जाना था? गूगल तुम छिपकर हमारी बातें सुन रहे थे? हमने न तो शादी से संबंधित कुछ सर्च किया था न ही कुछ अपलोड किया था।'
 
तो क्या टीनू अब्राहम की शिकायत सही थी
urbanclap ने तुरंत ही अब्राहम के ट्वीट का रिप्लाई कर गलतफहमी को दूर कर दिया। उन्होंने जवाब दिया- 'पिछले हफ्ते भारत में शादी के लिए सबसे ज्यादा व्यस्त समय था। इसलिए हमने आपको अपने कैलकुलेशन के हिसाब से मैसेज किया था। मैसेज भी हमने अपने ग्राहकों के इस्तेमाल के हिसाब से भेजे थे। इसमें किसी तरह की कोई गलत हरकत शामिल नहीं है।'
 
जरा सी बात तिल का ताड़ बन गई
एक इंटरव्यू में अर्बन क्लैप की कम्यूनिकेशन मैनेजर ने घटना के बारे में सारी गलतफहमी पर बात करते हुए कहा- 'ये शादी का सीजन है, और हम अपने ग्राहकों को ऐसे मैसेज भेजकर उनका काम आसान करने के बारे अवगत कराते रहते हैं। इस बारे में हमने अब्राहम से संपर्क किया है और उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं।'
 
निष्कर्ष क्या है
निष्कर्ष सिर्फ इतना सा है कि सोशल मीडिया के नियमित संपर्क में रहने वाले लोगों के दिमाग में एक अजीब तरह की हलचल होती रहती है। वो शोर को पसंद करने लगते हैं। वो शक करते हैं और डर जाते हैं। वो अपनी सुरक्षा की तैयारियां करना भूल जाते हैं। वो यह भी भूल जाते हैं कि किस तरह का सवाल किस तरह के व्यक्ति ने करना चाहिए। किस बात को सार्वजनिक करना चाहिए किस बात को नहीं। टीनू चेरियन अब्राहम ने इस हरकत ने यह प्रमाणित कर दिया कि वो एक जल्दबाज किस्म के इंसान हैं और अधूरी जानकारी के आधार पर नाराज हो जाते हैं। इस बारे में उनके पास 2 विकल्प थे, वो किसी विशेषज्ञ से संपर्क करके अपने सवालों के जवाब तलाशते या फिर सीधे कंपनी से संपर्क कर सवाल करते परंतु उन्होंने ऐसा नहीं किया। शोर मचाया और खुद भी तमाशा बन गए।
 
			
			
	        Monday, November 27, 2017
नई दिल्ली। सोशल मीडिया के आने से पहले जब भी किसी के जहन में कोई सवाल आता था तो वो उसका जवाब सर्च करता था। विशेषज्ञों से बात करता था और अपने सवाल के जवाब तलाशता था परंतु भारतीयों की लाइफ में सोशल मीडिया एप डाउनलोड हो जाने के बाद उनके दिमाग से जवाब सर्च करने वाला विजेट शायद डीलिट हो गया। वो किसी भी तरह का शक करते हैं और शोर मचाते हैं। ऐसा ही एक मामला बेंगलुरु में पेश आया। हाईप्रोफाइल टीनू चेरियन अब्राहम एक इत्तेफाक पर शक कर बैठे। उन्होंने किसी विशेषज्ञ के बात नहीं की और सारा मामला ट्वीटर पर डाल दिया। कुछ समय के लिए तो गूगल ही संदेह के दायरे में आ गया था।
मामला क्या था
बेंगलुरु के टीनू चेरियन अब्राहम और उनकी पत्नी एक शादी में शामिल की तैयारियां कर रहे थे। तभी UrbanClap नाम की कंपनी की तरफ से उन्हे एक मैसेज मिला। उसमें कंपनी ने पेशकश की थी कि यदि शादी की तैयारियों में वो कुछ मदद चाहते हैं तो UrbanClap को ऐसा करने में खुशी होगी। टीनू चेरियन हैरान हो गए। वो बस यही सोच रहे थे कि किसी भी कंपनी को कैसे पता चला कि वो शादी की तैयारियां कर रहे हैं। क्योंकि न तो उन्हें शादी में आने का न्योता डिजिटल तरीके से मिला था न ही उन्होंने इंटरनेट पर शादी से जुड़ी कोई भी सर्च की थी। फिर आखिर किसी आॅनलाइन कंपनी को कैसे पता चल गया कि उनका प्लान क्या है।
तो क्या गूगल जासूसी कर रहा है
फिर ध्यान में आया कि कई एप्स इंटरनेट की गतिविधियों को ट्रैक करते हैं। यही कारण है आपने कोई चीज सर्च की और थोड़ी ही देर में उससे संबंधित एड दिखने लगते हैं। ऐसा इसलिए होता है कि जैसे ही आप गूगल पर किसी चीज के बारे में सर्च करते हैं तो गूगल से जुड़े सारे ऐप्स के पास वो डिटेल पहुंच जाती है और उसके बाद वो उसी चीज का एड कर ग्राहकों को लुभाने की कोशिश में लग जाते हैं।
अब्रहाम दंपत्ति ने क्या किया
अब्रहाम दंपत्ति ने अपने सर्च डिटेल दोबारा चेक करके ये आश्वस्त किया कि कहीं उन्होंने ही गलती से कुछ ऐसा सर्च न किया हो। पर उन्होंने पाया कि इससे संबंधित कुछ भी उन्होंने सर्च नहीं किया था। वो दोनों हैरान थे कि आखिर कैसे उस एप को उनके प्लान के बारे में पता चला। इस बारे में उन्होंने किसी तकनीकी विशेषज्ञ से कोई मदद नहीं ली। बस उनके पास जितनी जानकारी थी उसका उपयोग किया और खुद को संतुष्ट कर लिया।
फिर शुरू हुआ शोर: गूगल प्राइवेट लाइफ की जासूसी करता है
अपने ऐंड पर श्योर होते ही टीनू चेरियन ने शोर मचाना शुरू कर दिया। वो कंपनी को उसके अधिकृत संपर्क ईमेल एड्रेस जो उसी बेवसाइट पर मौजूद है, [email protected] पर भी संपर्क करके पूछताछ कर सकते थे परंतु उन्होंने ऐसा नहीं किया। टीनू ने इस मुद्दे को उछालने के लिए ट्विटर का उपयोग किया। उन्होंने कंपनी को टैग करते हुए लिखा 'मेरी बीवी के साथ ये पिछले हफ्ते हुआ और ये बहुत ही घटिया था @urbanclap. आपको कैसे पता चला कि पिछले हफ्ते हमें शादी में जाना था? गूगल तुम छिपकर हमारी बातें सुन रहे थे? हमने न तो शादी से संबंधित कुछ सर्च किया था न ही कुछ अपलोड किया था।'
तो क्या टीनू अब्राहम की शिकायत सही थी
urbanclap ने तुरंत ही अब्राहम के ट्वीट का रिप्लाई कर गलतफहमी को दूर कर दिया। उन्होंने जवाब दिया- 'पिछले हफ्ते भारत में शादी के लिए सबसे ज्यादा व्यस्त समय था। इसलिए हमने आपको अपने कैलकुलेशन के हिसाब से मैसेज किया था। मैसेज भी हमने अपने ग्राहकों के इस्तेमाल के हिसाब से भेजे थे। इसमें किसी तरह की कोई गलत हरकत शामिल नहीं है।'
जरा सी बात तिल का ताड़ बन गई
एक इंटरव्यू में अर्बन क्लैप की कम्यूनिकेशन मैनेजर ने घटना के बारे में सारी गलतफहमी पर बात करते हुए कहा- 'ये शादी का सीजन है, और हम अपने ग्राहकों को ऐसे मैसेज भेजकर उनका काम आसान करने के बारे अवगत कराते रहते हैं। इस बारे में हमने अब्राहम से संपर्क किया है और उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं।'
निष्कर्ष क्या है
निष्कर्ष सिर्फ इतना सा है कि सोशल मीडिया के नियमित संपर्क में रहने वाले लोगों के दिमाग में एक अजीब तरह की हलचल होती रहती है। वो शोर को पसंद करने लगते हैं। वो शक करते हैं और डर जाते हैं। वो अपनी सुरक्षा की तैयारियां करना भूल जाते हैं। वो यह भी भूल जाते हैं कि किस तरह का सवाल किस तरह के व्यक्ति ने करना चाहिए। किस बात को सार्वजनिक करना चाहिए किस बात को नहीं। टीनू चेरियन अब्राहम ने इस हरकत ने यह प्रमाणित कर दिया कि वो एक जल्दबाज किस्म के इंसान हैं और अधूरी जानकारी के आधार पर नाराज हो जाते हैं। इस बारे में उनके पास 2 विकल्प थे, वो किसी विशेषज्ञ से संपर्क करके अपने सवालों के जवाब तलाशते या फिर सीधे कंपनी से संपर्क कर सवाल करते परंतु उन्होंने ऐसा नहीं किया। शोर मचाया और खुद भी तमाशा बन गए।
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