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CPCT 14 जनवरी 2017 Shift - 2 Hindi Typing Test (Type in 15 minutes)
created Jan 31st 2018, 11:06 by deep singh
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कुछ वर्ष पहले सफर के दौरान मनोहर पर्रिकर के पास बैठा था। रक्षा मंत्री तब गोवा के मुख्यमंत्री थे। वे इकोनॉमी क्लास में यात्रा कर रहे थे, वे अपनी खास आधे आस्तीन की शर्ट, पेंट और चप्पल पहने थे। जब विमान नीचे उतरा तो वे कन्वेयर बेल्ट पर सूटकेस का इंतजार कर रहे थे और फिर खुद ही ट्रॉली खींचकर ले गए। निजी सहायकों का कोई लवाजमा उनके साथ नहीं था। कोई बात ऐसी नहीं थी, जिससे दूर से भी वीआईपी संस्कृति की गंध आती हो। एयरपोर्ट से बाहर निकलकर विदा लेते हुए उन्होंने कहा, 'आप सबको लगता है कि केवल अरविंद केजरीवाल ही आम आदमी के मुख्यमंत्री हैं। हम जैसे कुछ लोग भी सादगीभरा जीवन जीते हैं, लेकिन दिल्ली से गोवा इतनी दूर है कि आपकी नजर हम तक जाती ही नहीं, बेशक पर्रिकर और मणिक सरकार जैसे लोग 'टायरनी ऑफ डिस्टेंस' यानी दूर की तानाशाही का खमियाजा भुगतते हैं। पणजी और अगरतला उतने न्यूज राडार पर नहीं हैं। इसके विपरीत केजरीवाल को उस चीज का फायदा मिला है, जिसे 'दहलीज की पत्रकारिता' कहा जा सकता है, क्योंकि वे टेलीविजन की ओबी वैन्स के कुछ किलोमीटर के दायरे में ही रहते हैं। वे इसके शिकार भी रहे हैं, क्योंकि उनकी हर पहल की माइक्रोस्कोप के नीचे जांची जाती है। अब जब अगले सप्ताह मुख्यमंत्री पद पर वे अपना एक साल पूरा कर रहे हैं, तो फिर उनका पूरी निर्दयता से पोस्टमार्टम हो जाएगा। किंतु सिर्फ भौगोलिक निकटता दिल्ली के मुख्यमंत्री पर 'नेशनल मीडिया' के अतिरिक्त ध्यान देने की वजह नहीं है। यह भी एक तथ्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह केजरीवाल भी जनमत का तीव्र ध्रुवीकरण करते हैं। वास्तविक या बनावटी जनमत का 'सोपबॉक्स', सोशल मीडिया केजरीवाल पर साफतौर पर बंट जाता है, या तो आप उनकी सराहना करते हैं या उन्हें नापसंद करते हैं। यहां तर्कसंगत संवाद की कोई गुंजाइश नहीं है। शायद फिर मोदी की तरह केजरीवाल भी जनमत के इस विभाजन का पूरा लुत्फ उठाते हैं। खुद को शिकार बताकर वे समर्थकों में अपनी स्थिति मजबूत कर लेते हैं। मोदी की तरह केजरीवाल भी यथास्थिति को चुनौती देने वाले बदलाव के वाहक 'चेंज एजेंट' के बतौर चुने गए थे। सवाल यह है कि क्या केजरीवाल राजनीतिक विमर्श को सार्थक ढंग से 'बदल' सके हैं या वे सिर्फ सत्ता के भूखे एक और नेता है, जो अपना साम्राज्य उठाने में लगे हैं। हाल की ऑड-ईवन कार योजना में उनके भीतर का सर्वोत्तम और निकृष्टतम देखने को मिला।
