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टाईपिंग वर्ल्ड सटई रोड छतरपुर (म.प्र) - अमित कुमार साहू 7697055315
created Feb 10th 2018, 06:19 by laxmisahu
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आई.एस. जौहर बहुमुखी प्रतिभा के धनी फिल्मिकार, कलाकार एवं पटकथा लेखक थे। एक बार उनके यहां आयकर का छापा पड़ा। उन्होंंने बताया कि एक अलमारी में धन रखा है। और उन्हेंं खोजने का कष्टा उठाने की अवश्यहक्ताय नहीं। दोपाहर के भोजन का समय है, अत: पहले भोजन कर लेते हैं। उन्होंाने फोन पर भोजन का ऑर्डर देते हुए यह कहा कि आयकर अधिकारी आये हैं तो स्वारदिष्टम चीजें भेजें। बहरहाल बीयर पीकर खाना खाया गया जिसके बाद अलमारी खोजी तो उसमें कुछ नहीं मिला। पूरे घर की तलाशी लेने पर भी मात्र चार सौ रूपए मिले। जौहर ने आरोप लगाया कि भारी रकम मिली हे ओर मुझे लिखकर नहीं दिया जा रहा है। कहा जाता है कि अधिकारियों को अपनी जेब से उन्हेंल धन देना पड़ा।
एक बार आई.एस. जौहर मुंबई के 'सन एन्डल सैंड' होटल में दोपहर का भोजन कर रहे थे। वहां फिल्मुकार आर.के.नैय्यर आए और उन्होंलने आश्चरर्य व्याक्त किया कि जौहर द्वारा निर्देशित फिल्मं की शूटिंग चल रही हे और वे यहां बैठे हैं। जौहर न जवाब दिया कि किस किताब में लिखा हे कि शूटिंग के समय डायरेक्ट र का वहां मौजूद होना आवश्येक है। वे सुबह ही अपने प्रमुख सहायक को सब कुछ समझा चुके हैं। वे स्वायं को रिमाट कंट्रोंल डायरेक्टकर कहते थे। दरअसल जौहर पूरी फिल्मे व्य।वस्थाम का ही मखौल उडाते थे। उनकी बेसिर पैर की फिल्में् जैसे 'जौहर मेहमूद इन गोवा' 'जौहर मेहमूद इन हांगकांग', इत्याेदि ने अपनी लागत पर पचास प्रतिशत मुनाफा भी कमाया था। आई.एस.जौहर ने ही फिल्मद पत्रिका 'फिल्मफेयर' में प्रश्नों त्तर का कॉलम शुरू कर दिया था। उनके जवाब अत्यंात रोचक होते थे।
अजय देवगल की फिल्मश एक यथानर्थ घटना से प्ररित है। इसके पहले बनी 'बादशाहो' में भी राजस्थाान के एक राजपरिवार की दौलत को दिल्लीद ले जाने का प्रकरण उठाया गया था। वह घटना आपात काल लगाए जाने के समय की बताई गई थी परन्तुं अघोषित आपातकाल तो हमेशा ही जारी रहा है। हाल ही में 'जी' चैनल के पत्रकार ने बतया कि मध्य प्रदेश की अधिकृत स्कूली पठ्य किताब मेंखिलजी के युद्ध कौशल की खूब प्रशंसा की गई थी। 'पद्मावत' के प्रर्दशन को लेकर धुंध छाई है। क्याग यह फिल्मुकारों को संदेश दिया जा रहा है कि वे कपोल कल्पित, मजाकिया फिल्मेंर ही बनाएं गोयाकि दादा कोंणके नुमा फिल्मोंल की दूसरी पारी प्ररंभ करें दादा कोंणके ने लगातार सत्रह सफल फिल्मेंट बनाई थीं।
एक बार आई.एस. जौहर मुंबई के 'सन एन्डल सैंड' होटल में दोपहर का भोजन कर रहे थे। वहां फिल्मुकार आर.के.नैय्यर आए और उन्होंलने आश्चरर्य व्याक्त किया कि जौहर द्वारा निर्देशित फिल्मं की शूटिंग चल रही हे और वे यहां बैठे हैं। जौहर न जवाब दिया कि किस किताब में लिखा हे कि शूटिंग के समय डायरेक्ट र का वहां मौजूद होना आवश्येक है। वे सुबह ही अपने प्रमुख सहायक को सब कुछ समझा चुके हैं। वे स्वायं को रिमाट कंट्रोंल डायरेक्टकर कहते थे। दरअसल जौहर पूरी फिल्मे व्य।वस्थाम का ही मखौल उडाते थे। उनकी बेसिर पैर की फिल्में् जैसे 'जौहर मेहमूद इन गोवा' 'जौहर मेहमूद इन हांगकांग', इत्याेदि ने अपनी लागत पर पचास प्रतिशत मुनाफा भी कमाया था। आई.एस.जौहर ने ही फिल्मद पत्रिका 'फिल्मफेयर' में प्रश्नों त्तर का कॉलम शुरू कर दिया था। उनके जवाब अत्यंात रोचक होते थे।
अजय देवगल की फिल्मश एक यथानर्थ घटना से प्ररित है। इसके पहले बनी 'बादशाहो' में भी राजस्थाान के एक राजपरिवार की दौलत को दिल्लीद ले जाने का प्रकरण उठाया गया था। वह घटना आपात काल लगाए जाने के समय की बताई गई थी परन्तुं अघोषित आपातकाल तो हमेशा ही जारी रहा है। हाल ही में 'जी' चैनल के पत्रकार ने बतया कि मध्य प्रदेश की अधिकृत स्कूली पठ्य किताब मेंखिलजी के युद्ध कौशल की खूब प्रशंसा की गई थी। 'पद्मावत' के प्रर्दशन को लेकर धुंध छाई है। क्याग यह फिल्मुकारों को संदेश दिया जा रहा है कि वे कपोल कल्पित, मजाकिया फिल्मेंर ही बनाएं गोयाकि दादा कोंणके नुमा फिल्मोंल की दूसरी पारी प्ररंभ करें दादा कोंणके ने लगातार सत्रह सफल फिल्मेंट बनाई थीं।
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