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CPCT 12 August 2017 Shift - 2 Hindi Typing (Type this metter in 15 minutes)

created Feb 16th 2018, 13:22 by DilipShah1559786


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भारत में 60 प्रतिशत से अधिक तंबाकू का सेवन करने वाले लोग ये जानते हैं कि इससे कैंसर, दिल का दौरा, अस्‍थमा इत्‍यादि रोग हो सकते हैं। फिर भी तंबाकू की लत छोड़ने की दर 10 प्रतिशत से भी कम है। हम अक्‍सर देखते हैं कि तंबाकू बेचने वाले अपनी दुकानों पर बड़े-बड़े शब्‍दों में लिखते हैं कि तंबाकू से कैंसर होता है। फिर भी तंबाकू उत्‍पाद खरीदते वक्‍त हम इस बात को नजरअंदाज कर देते हैं। यह ही नहीं सरकार ने भी अपनी ओर से कई कदम उठाये हैं जैसे तंबाकू उत्‍पादों पर बने सेहत चेतावनी के चित्र का आकार 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 85 प्रतिशत कर देना। यह पहल केवल इसलिए की गयी थी ताकि लोगों को तंबाकू से होने वाले गौण प्रभावों के प्रति चेताया जा सके। हालांकि इन सब बातों का तंबाकू का सेवन करने वाले व्‍यक्ति पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है। बहुत से लोग अपनी इस आदत को छोड़ने का प्रयास भी करता है या इसका इस्‍तेमाल कम कर देता है परन्‍तु ये स्थिति कुछ ही समय के लिए रह पाती है। तंबाकू की लत के कारण लोग ऐसी-ऐसी धारणाएं बना लेते हैं जो उन्‍हें फिर से इसका इस्‍तेमाल करने के लिए उकसा देती है। लोगों की धारणाएं कुछ इस प्रकार होती है, जैसे कि मैं तंबाकू का सेवन करने के साथ-साथ पोष्टिक आहार भी लेता हूं इसलिए मुझे कैंसर नहीं हो सकता। तंबाकू का सेवन छोड़ने के बाद मुझे बीमारी और सुस्‍ती महसूस होती है इसलिए मैं तंबाकू नहीं छोड़ सकती। ऐसे बहुत से बहाने हैं जो लोग कहीं कहीं से ढूंड ही लेते हैं और अपनी तंबाकू खाने की आदत को कभी अलविदा नहीं कह पाते। परन्‍तु वो ये भूल जाते हैं कि बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो जवानी में ही तंबाकू से होने वाले रोगों के कारण मारे गए। इसलिए आज वो ये बात नहीं बता सकते की उनकी मौत का कारण तंबाकू है। कुछ लोगों को लम्‍बे समय तक तंबाकू सेवन करने के बाद भी कैंसर, अस्‍थमा आदि रोग नहीं होते परन्‍तु कुछ लोगों में इसका असर जल्‍दी दिखने लगती है। उनकी ये रोग इस कदर पकड़ लेते हैं कि फिर इनसे पीछा छुड़ाना मुश्किल हो जाता है। अभी तक ऐसा कोई टेस्‍ट इजात नहीं हो पाया है जो ये बता सके कि तंबाकू सेवन के कितने समय बाद ये रोग होंगे। तंबाकू के सेवन के कारण होने वाले रोगों की समस्‍या केवल पुरूषों की समस्‍या ही नहीं है बल्कि ये महिलाओं और बच्‍चों के लिए भी घातक है। परन्‍तु हमें इस बात को हमेशा याद रखना चाहिए कि अगर कोई व्‍यक्ति उनके आस पास धूम्रपान करता है तो उनको भी ये रोग होने का उतना ही खतरा है जितना की उस धूम्रपान करने वाले व्‍यक्ति को।  

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