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PK FROM TIKAMGARH - PANKAJ KUMAR AHIRWAR
created Feb 19th 2018, 08:23 by KirtikaPrajapati
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खाप पंचायतों के मसले पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने जरूरी दखल दिया है। संविधान हर बालिग नागरिक को अधिकार देता है वह अपनी पसंद और सहमति से किसी से प्रेम और विवाह कर सकता है, लेकिन बड़ी विडंबना है कि सामाजिक परंपरा के नाम पर कोई पंचायत उसे ऐसा करने से रोकती है। यह देश की संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर ठीक ही कहा है कि अगर कोई बालिग लड़का और लड़की अपनी मर्जी से शादी करते हैं, तो यह उनका अधिकार है; इस पर कोई खाप पंचायत, सामाजिक समूह या व्यक्ति न तो सवपाल उठा सकता है, न सजा तय कर सकता है। यानी देश की शीर्ष अदालत इस बारे में बिल्कुल स्पष्ट राय रखती है कि किसी नागरिक को उसके संवैधानिक अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता। पर विचित्र हे कि सरकारों को भी इन नियमों पर अमल सुनिश्चित कराना प्राथमिक जिममेदारी नहीं मामले में कोई खाप पंचायत गैरकानूनी तरीके से सामंती फरमान जारी करती है, कई बार उन पर हिंसक हमला भी होता है, लेकिन उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जाती?
उज्ज्वला योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा 2011 किए गए आर्थिक एवं जातीय आधार के सांख्यिकी सर्वे की सूची में उनहीं परिवारों को गैस कनेक्शन दिया जाएगा जो एसईसीसी डाटा की सूची में आते है। जिन हितग्राहियों को योजना का लाभ नहीं मिला है उन्हें चिन्हित कर लाभ दिया जाएगा।
अब खबर टीकमगढ की-
अपने नाम अच्छे हों यह कौन नहीं चाहता फिर शहर, कस्बे, तहसील और गांव के नाम भी ऐसे हों जिन्हे किसी के सामने रखते समय कोई झिझक न हो। देश के गृह मंत्रालय के पास ऐसे कई आवेदन जगह-जगह से पहुँच रहे हैं, उन ग्रामों का नाम वहां रहने वाले ही पसंद नहीं करते हैं। दरअसल देश के दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों में आज ही पिछड़ेपन की झांकी ही देखने को मिलती है। बदलावों की बयार शायद ही यहां पहुंची। वर्षों पूर्व इन ग्रामों के नामकरण के दौरान कई नाम ऐसे भी रखे गए जो अब फैशन से ही बहार है और ऐसे ग्रामों के लोग इन नामों से परेशान हैं नामों का संबोधन कहीं न कहीं कठिन या भद्दा है या उस क्षेत्र के ही विपरीत है।
गृह मुंत्रालय द्वारा देश के ऐसे कई ग्रामों के नामों के बदलाव के प्रयास शुरू हुए हैं जल्द ही इस काम को अमलीजामा पहनाया जाएगा अगर सब कुछ केंद्र सरकार के मुताबिक हुआ तो जल्द ही नापसंद ग्रामों के नाम नए कलेवर के साथ सबके सामने होंगे।
उज्ज्वला योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा 2011 किए गए आर्थिक एवं जातीय आधार के सांख्यिकी सर्वे की सूची में उनहीं परिवारों को गैस कनेक्शन दिया जाएगा जो एसईसीसी डाटा की सूची में आते है। जिन हितग्राहियों को योजना का लाभ नहीं मिला है उन्हें चिन्हित कर लाभ दिया जाएगा।
अब खबर टीकमगढ की-
अपने नाम अच्छे हों यह कौन नहीं चाहता फिर शहर, कस्बे, तहसील और गांव के नाम भी ऐसे हों जिन्हे किसी के सामने रखते समय कोई झिझक न हो। देश के गृह मंत्रालय के पास ऐसे कई आवेदन जगह-जगह से पहुँच रहे हैं, उन ग्रामों का नाम वहां रहने वाले ही पसंद नहीं करते हैं। दरअसल देश के दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों में आज ही पिछड़ेपन की झांकी ही देखने को मिलती है। बदलावों की बयार शायद ही यहां पहुंची। वर्षों पूर्व इन ग्रामों के नामकरण के दौरान कई नाम ऐसे भी रखे गए जो अब फैशन से ही बहार है और ऐसे ग्रामों के लोग इन नामों से परेशान हैं नामों का संबोधन कहीं न कहीं कठिन या भद्दा है या उस क्षेत्र के ही विपरीत है।
गृह मुंत्रालय द्वारा देश के ऐसे कई ग्रामों के नामों के बदलाव के प्रयास शुरू हुए हैं जल्द ही इस काम को अमलीजामा पहनाया जाएगा अगर सब कुछ केंद्र सरकार के मुताबिक हुआ तो जल्द ही नापसंद ग्रामों के नाम नए कलेवर के साथ सबके सामने होंगे।
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