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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH-(MP):- SONU AHIRWAR
created Feb 20th 2018, 11:47 by Sonu Ahirwar
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आपराधिक मानव वध कब हत्या नहीं है? आपराधिक मानव वध हत्या नहीं है यदि अपराधी उस समय जबकि वह गंभीर अचानक प्रकोपन से आत्मसंयम की शक्ति से वंचित हो उस व्यक्ति की जिसने की वह प्रकोपन दिया था मृत्यु कारित करे या किसी व्यक्ति की मृत्यु भूल या दुर्घटना वश कारित करे ऊपर का अपवाद परंतुओं के अध्यायीन पहला यह कि वह प्रकोपन किसी का वध करने या अपहानि करने के लिए आपराधिक के रूप इपसित नहीं या स्वेच्छा प्रकोपित न हो दूसरा यह कि वह प्रकोपन किसी ऐसी बात द्वारा न दिया गया हो जो कि विधि के पालन में या लोकसेवक द्वारा ऐसे लोकसेवक की शक्तियों के विधिपूर्व प्रयोग में, की गई हो तीसरा यह कि वह प्रकोपन किसी ऐसी बात द्वारा न दिया गया हो जो प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार विधिपूर्व प्रयोग में की गई हो स्पष्टीकरण प्रकोपन इतना गंभीर और अचानक था या नहीं कि अपराध की हत्या की कोटी में आने से बचा दें यह तथ्य का प्रश्न है शरीर या संपत्ति के प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार को सद्भावपूर्वक प्रयोग में लाते हुए विधि द्वारा उसे दी गई शक्ति का अतिक्रमण कर दें और पूर्वचिंतन बिना ऐसे प्रतिरक्षा के प्रयोजन से जितनी अपहानि करना आवश्यक हो उससे अधिक अपहानि करने के किसी आशय के बिना उस व्यक्ति की मृत्यु कारित कर दें जिसके विरुद्ध वह प्रतिरक्षा के ऐसा अधिकार प्रयोग में ला रहा हो यदि अपराधी ऐसा लोकसेवक होते हुये या ऐसे लोकसेवक को मदद देते हुए, जो लोकन्याय की अग्रसंहिता में कार्य कर रहा है उसे विधि द्वारा दी गई शक्ति से आगे बढ़ जाए और कोई ऐसा कार्य करके जिससे वह विधिपूर्ण और ऐसे लोकसेवक के नाते उसके कर्तव्य के सम्यक् निर्वहन के लिए आवश्यक के होने के सद्भावपूर्वक विश्वास करता है धारा 108 जिस व्यक्ति की मृत्यु कारित करने का आशय था उससे विभिन्न व्यक्ति की मृत्यु करके आपराधिक मानव वध यदि को व्यक्ति कोई ऐसी बात करने के द्वारा जिससे उसका आशय मृत्यु कारित करना हो या जिससे वह जानता हो कि मृत्यु कारित होना संभाव्य है किसी व्यक्ति की मृत्यु कारित करके जिसकी मृत्यु कारित करने का न तो उसका आशय हो और न वह यह संभाव्य जानता हो कि वह उसकी मृत्यु कारित करेगा, आपराधिक मानव वध करे, तो अपराधी द्वारा किया गया आपराधिक मानव वध उस भांति का होगा जिस भांति वह होता यदि वह व्यक्ति की मृत्यु कारित करता जिसकी मृत्यु कारित करना उसके द्वारा असेत था या वह जानता था कि उस द्वारा उसकी मृत्यु कारित होना संभाव्य है धारा 302 के हत्या के लिए
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