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Allahabad High Court Hindi Inscript 320 Words Type Test दोस्तों AHC की जब आप टाइप दोगे तब आपको हिन्दी के मात्र 250 शब्द ही मिलेंगे।

created Apr 19th 2018, 10:43 by Jogendar Singh


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प्रदूषण का खतरा अत्यन्त गम्भीर समस्याओं में से एक है जिनका कि विश्व आज सामना कर रहा है। प्रत्येक दिन के बीतते हमारा वातावरण बराबर और अधिक दूषित होता जा रहा है। प्रकृति ने हमें ऐसा वातावरण प्रदान किया है जोकि प्रदूषण कारण तत्वों से मुक्त है। किन्तु मानव ने जीवन चलाने वाले वातावरण को प्रदूषित करके अपने साथ ही निर्दयता बरती है। सामान्य रूप से वातावरण प्रदूषण तीन प्रकार का होता हैः (1) वायुप्रदूषण, (2) जल प्रदूषण, (3) शोर प्रदूषण। हमारी हवा फैक्ट्रियों की चिमनियों से, स्वचालित सवारियों से निकले धुयें एवं महाशक्तियों द्वारा किये गये नाभिकीय विस्फोटनों से बराबर दूषित की जा रही है। वायुमंडल में कार्बन डाईऑक्साइड और सल्फर डाईऑक्साइड की मात्रा हद से अधिक बढ़ती जा रही है। मेट्रोपोलिटन नगरों में जहाँ पर यंत्रीकृत परिवहन भयावह चरणों में पहुँच चुका है, वहाँ पर तो प्रदूषण का खतरा बहुत ही बढ़ गया है। इसके अतिरिक्त ज्यों-ज्यों औद्योगीकरण बढ़ता जा रहा हमारे वातावरण को खतरा भी बढ़ता जा रहा है। औद्योगीकृत नगरों में तो पूर्व से ही वायुमंडल में कार्बन बहुत पहुँच चुका है और ताजा हवा मिलना दुर्लभ हो गयी है। इससे स्वास्थ्य को भी गंभीर खतरे उत्पन्न हो गये हैं। लोग विभिन्न प्रकार के रोगों के शिकार बन रहे हैं, विशेषकर फेफड़ों से सम्बन्धित रोगों के। केंसर का विस्तार बढ़ता ही जा रहा है।
     जल प्रदूषण के कारण स्थिति और अधिक गंभीर हो गई है। नदी का पानी तो पीने लायक रह नहीं गया कारण फैक्ट्रियों से निकले कूड़े करकट का नदी में बहाना है। बहुत से स्थानों से तो मछलियां पूरी तरह से गायब हो गयी हैं जिसका कारण नदी के पानी में जहरीले पदार्थों का मिश्रण हो जाना है। बड़े औद्योगीकृत नगरों में लोगों को ताजा और शुद्ध जल मुश्किल से ही मिल पाता है। जल को शुद्ध करने की क्रिया से दूषित जल को एक सीमा तक ही शुद्ध किया जा सकता है। उपलब्ध दूषित जल को पीने के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प नहीं है।

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