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MGSCTI MORENA ADDMISION OPEN FOR SHORTHAND AND CPCT MOB-7470639002 (MP HIGH COURT AG-3 HINDI TYPING DIC 02/10/2019)

created Jan 11th 2019, 11:33 by anamika tomar


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दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 154 के अधीन अपने कथन में अभिसाक्ष्‍य 01 सीताराम ने प्रदर्श पीबी में यह कथन किया है कि उप ''उपन्‍यायाधीश'' ठियोग के न्‍यायालय में श्री नेक राम एक कर्मचारी है और वह ठियोग में मेरे पुत्र रमेश से मिला था और यह कि क्‍यार रोड पर एक अज्ञात व्‍यक्ति कार में बैठा हुआ था और उसके साथ एक पुरुष और एक महिला भी बैठी थी। इस साक्षी ने आगे यह कथन किया कि अज्ञात व्‍यक्ति अर्थात् दो पुरुष और एक महिला जिनसे उसने ठियोग तक जाने के लिए कहा था ने मेरे पुत्र को फुसलाया था और उसका अपहरण किया था। यह कथन तारीख 6 अप्रैल, 1997 को अभिलिखित किया गया था। इस बारे में कोई स्‍पष्‍टीकरण नहीं दिया गया है और ही यह बताया गया है कि कोई साक्ष्‍य नहीं है कि ठियोग तक मृतक की कार में इन व्‍यक्तियों ने यात्रा की थी। केवल अभिसाक्ष्‍य 3 नेक चंद का इस सम्‍बंध में कथन है कि तारीख 1 अप्रैल, 1997 से अर्थात् जिस दिन ठियोग में वह मृतक को मिला था अन्‍वेषण के दौरान उसका कथन अभिलिखित किए जाने तक वह अभिसाक्ष्‍य 1, सीताराम से नहीं मिला था। स्‍वीकृतत: उसका कथन तारीख 23 अप्रैल, 1997 को अन्‍वेषण के दौरान अभिलिखित किया गया था इस प्रकार अभिसाक्ष्‍य 3 के अनुसार अभिसाक्ष्‍य 1 सीताराम उससे तारीख 1 अप्रैल, 1997 से लेकर तारीख 3 अप्रैल, 1997 की अवधि के दौरान नहीं मिला था। इसके विपरीत, अभिसाक्ष्‍य 1 सीताराम ने यह दावा किया है कि वह तारीख 3 अप्रैल, 1997 को ठियोग में नेक चंद से मिला था और उसने उसे उसके मृत पुत्र से तारीख 1 अप्रैल, 1997 को मिलने के बारे में बताया था। अभिसाक्ष्‍य 3, नेक चंद ने विनिर्दिष्‍ट और स्‍पष्‍ट रूप से जो कथन किया है उसको ध्‍यान में रखते हुऐ सीताराम के कथन पर इस सम्‍बंध में विश्‍वास नहीं किया जा सकता है। इस प्रकार ठियोग में नेक चंद द्वारा तारीख 1 अप्रैल, 1997 को अभियुक्‍त के साथ मृतक को देखे जाने के सम्‍बंध में जो वृतांत है वह बिल्‍कुल भी विश्‍वसनीय और भरोसेमंद नहीं है। ऊपर जो चर्चा की गई है उसको ध्‍यान में रखते हुए इन परिस्थितियों में से किसी भी परिस्थिति के सम्‍बंध में यह नहीं कहा जा सकता है कि उसे युक्तियुक्‍त संदेह के परे साबित कर दिया गया है। इस परिस्थिति को साबित करने के लिए अभियोजन पक्ष ने अभिसाक्ष्‍य 16 सहायक उपनिरीक्षक की परीक्षा की गई है।

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