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सीपीसीटी 27 अक्‍टूबर 2018 शिफ्ट - 1 (सौरभ कुमार इन्‍दुरख्‍या)

created Feb 16th 2019, 19:01 by sourabh indurkhya


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       एक किसान के चार बेटेे थे। जब वे छोटे थे तब उनके विचारों में कोई समानताएं नहीं थींं। अपने बेटे के इसी आचरण के चलते वह किसान हमेशा दुखी रहता था। वह हमेशा अपने बेटो को समझाते रहता था कि अगर आपस में बनाकर नही रखोगे तो आगे चलकर कोई भी मदद नहीं करेगा और मौका मिलने पर हानि भी पहुंचा सकता है। लेकिन किसान के बेटो पर इस सलाह का कोई असर नहीं हुआ। समय बीतता गया और किसान के चारो बेटे जवान हो गये। अब किसान के शरीर में पहले जैसी जान नहीं रही थी तो वह अपने खेतो का काम अपने चारो बेटो को सौंप देना चाहता था। जब किसान ने इस बारे मेें अपने बेटोंं से बात की तो पहले तो पहले तो वो एक साथ काम करने को तैयार नही हुए। फिर जब किसान ने उनका अलग अलग काम देने की बात कही तो फिर तैयार हो गये। किसान ने चारो को उनका काम बताया और सभी अपने कामों में जुट गये। पहले बेटे ने खेत जोत दिए, दूसरे बेटे ने खेतों में बीज बो दिए, तीसरे बेटे ने खाद पानी भी दे दिया और चौ‍थे बेटेे ने फसल काट दी। इस तरह सब अपना काम कर रहे थे। पर एक दिन छोटे बेटे ने फसल काट कर खेतो में ही रख दी। मौसम बहुत ही खराब था और बारिश कभी भी सकती थी। इसलिए सबसे छोटेे बेटे ने अपने भाईयो से जाकर बोला कि वे सब फसलों को घरो में रखने के लिए उसकी मदद करें। लेकिन उनके भाईयो ने एक सुनी और बोले कि ये उनका काम नहीं है इसलिए इसे अकेले ही निपटाओं। निराश होकर छोटा बेटा वापस खेतो की तरफ लौट गया और फसल को घर में रखने लगा। तभी बहुत तेज बरिश होने लगी और सारी फसल भीग गयी। कुछ फसल तो पानी में बह गई। पर इसके बाद भी ि‍किसान के बाकी बेटों का घमंड नहीं टूटा। फिर एक दिन किसान के पहले बेटे की तबियत बहुत ही खराब हो गयी और उसके घर के पास कोई इलाज करने वाला मौजूद नहीं था। इसलिए सबने शहर जाने का सोचा। पर इस विषय पर बात आकर अटक गयी कि शहर जाएगा कौन। जब कोई जाने को तैयार नहीं हुआ तो सबसे छोटा बेटा अपने भाई को शहर ले जाने को तैयार हो गया और तुरंत कुछ पैसे लेकर अपने पिताजी के साथ चल दिया। शहर जाकर पता चला कि इलाज कराने में कुछ और देर हो जाती तो उसकी जान को खतरा था। ऐसा सुन किसान के सभी बेटो के नयन भर आये और सबको एहसास हुआ कि आपस में मिलजुल कर रहने से ही परिवार मेेंं खुशी बनी रहती है। सबने तय किया कि वे हमेशा संग मिलकर ही काम करेंगे और इसके बाद चारों भाईयों में कभी बेमतलब का मतभेद नहीं हुआ।                      

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