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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || COURT MATTER_ BHANU PRATAP SEN

created Apr 11th 2019, 12:53 by AnujGupta1610


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कुछ साल पहले तक जब पाटिर्यों के घोषण-पत्र जारी होते थे, तो उन पर खास ध्‍यान नहीं दिया जाता था और उन्‍हें महज रिकॉर्ड में रखने लायक दस्‍तावेज समझा जाता था। तब घोषण-पत्र जारी करना महज एक जरूरी रस्‍मअदायगी होता था, जिसका कोई खास वजन या अहमियत नहीं समझी जाती थी। लेकिन मौजूदा दौर में आलम यह है कि भाजपा और कांग्रेस जैसे दोनों प्रमुख राष्‍ट्रीय दल एक-दूसरे के घोषण पत्रों की बारीकी से मीमांसा करते हुए विरोधी दल पर झूठ परोसने और जनता से बड़े-बड़े हवा-हवाई वादे करने का आरोप लगा रहे हैं। इस तरह वे विरोधियों के चुनावी घोषण-पत्र में सुराख तलाशते हुए उसकी विश्‍वसनीयता को पंचर करने पर तुले हैं, ताकि खुद को बेहतर साबित कर सकें। इसके साथ-साथ आज व्‍यक्तिगत आक्षेप या छीटाकांशी एक अपवाद की बजाय आम चलन बन गया है। आज राजनीति इतनी दूषित और विकृत हो गई है कि किसी के मुख से विरोधियों के लिए भूल से भी अच्‍छे शब्‍द नहीं निकलते। जैसा कि हाल ही में एक केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेसी नेताओं के भाषणों का ज्‍यादातर हिस्‍सा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ओछे प्रहारों को ही समर्पित होता है। इसी तरह, कुछ कम या ज्‍यादा मात्रा में नेहरू गांधी परिवार के सदस्‍य भी लगातार भाजपाइयों के निशाने पर रहते हैं। दोनों ही पक्षों से व्‍यक्तिगत हमले ज्‍यादा होते हैं। दोनों ही पक्षों की दृष्टि इतनी संकुचित और एक-पक्षीय हो चुकी है कि अब तो यह सोचना भी मुश्किल है कि उन्‍हें विरोधियों की किसी नीति या कार्यक्रम में कुछ अच्‍छाई भी नजर सकती है। कांग्रेस और भाजपा के घोषण-पत्रों पर दी गई प्रतिक्रियाओं में भी इसी प्रवृत्ति की झलक देखने को मिली। कोई किसी के घोषण-पत्र को ढकोसला पत्र कह रहा है तो कोई झांसा-पत्र। आगामी आम चुनाव के लिए भाजपा का फोकस एक कर्मठ, ढृढ़ संकल्पित प्रधानमंत्री के अधीन मजबूत सरकार देने और राष्‍ट्रवाद के मुद्दे पर केंद्रित है। वहीं अपने तमाम वादों और योजनाओं के साथ कांग्रेस का जोर समावेशीकरण पर है। भाजपा का राष्‍ट्रीय सुरक्षा सिद्धांत आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति से प्रेरित है। इसी आयाम पर आगे बढ़ते हुए भाजपा के घोषणा-पत्र में चरमपंथ और आतंकवाद पर लगाम कसने के लिए सुरक्षा बलों की पूरी छूट देने का वादा भी किया गया है। इसके साथ-साथ रक्षा संबंधी हथियारों अन्‍य उपकरणों की खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने की भी बात कही गई है।  

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