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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || CPCT_Admission_Open Vivek Sen BaBuJi ☺

created Apr 17th 2019, 07:29 by DeendayalVishwakarma


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बहुत समय पहले एक राजा था। वह अपनी न्‍यायप्रियता के कारण प्रजा में बहुत लोकप्रिय था। एक बार वह अपने दरबार में बैठा ही था कि अचानक उसके दिमाग में एक सवाल उभरा। सवाल था कि मनुष्‍य का करने के बाद क्‍या होता होगा। इस अज्ञात सवाल के उत्‍तर को पाने के लिए उस राजा ने अपने दरबार में सभी मंत्रियों आदि से मशवरा किया। सभी लोग राजा की इस जिज्ञासा भरी समस्‍या से चिंतित हो उठे। काफी देरे सोचने-विचारने के बाद राजा ने यह निर्णय लिया कि मेरे सारे राज्‍य में यह ढिंढरो पिटवा दिया जाए कि जो आदमी कब्र में मुरदे के समान लेटकर रात भर कब्र में मरने के बाद होने वाली सभी क्रियाओं का हवाला देगा, उसे पांच सौ सोने की मोहरें भेंट दी जाएंगी। राजा के आदेशानुसार सारे राज्‍य में उक्‍त ढिंढोरा पिटवा दिया गया। अब समस्‍या आई कि अच्‍छा भला जीवित कौन व्‍यक्ति मरने को तैया हो? आखिरकार सारे राज्‍य में एक ऐसा व्‍यक्ति इस काम को करने को तैयार हो गया, जो इतना कंजूस था कि वह सुख से खाता-पीता, सोता नहीं था। उसको राजा के पास पेश किया गया। राजा के आदेशानुसार उसके लिए बढ़िया फूलों से सुसज्जित अर्थी बनाई गई। उसको उस पर लिटाकर बाकयदा श्‍वेत कफन से ढक दिया गया और उसे कब्रिस्‍तान ले जाया गया। घर से जाने पर रास्‍ते में एक फकीर ने उसका पीछा किया और उससे कहा कि अब तो तुम करने जा रहे हो, घर में तुम अकेले हो। इतना धन तुम्‍हारे घर में ही कैद पड़ा रहेगा, मुझे कुछ दे दो। कंजूस के बार-बार मना करने पर भी फकीर ने कंजूस का पीछा नहीं छोड़ा और बार-बार कुछ मांगने की रट लगाए रहा। कंजूस जब एकदम परेशान हो गया तो उसने कब्रिस्‍थान में पड़े बादाम के छिलकों के एक ढेर में से मुट्ठी भर छिलके उठाए और उस फकीर को दे दिए। बाद में कंजूस को एक कब्र में लिटा दिया गया और ऊपर से पूरी कब्र बंद कर दी गई। बस एक छोटा-सा छेद सिर की तरफ इस आशा के साथ कर दिया गया कि यह इससे सांस लेता रहे और अगली सुबह राजा को मरने के बाद का पूरा हाल सुनाए। सभी लोग कंजूस को उस कब्र में लिटाकर चले गए। रात हुई, रात होने पर सांप कब्र पर आया और उस छेद को देखकर उसमें घुसने का प्रयत्‍न करने लगा। यह देकखर कब्र में लेटे कंजूस की घबराहट का ठिकाना रहा। सांप ने जैसे ही घुसने का प्रयत्‍न किया तो उस छेद में बादाम के छिलके आड़ बनकर गए। सुबह होते ही राजा ने सभी नौकर बड़ी जिज्ञासा के साथ कब्रिस्‍तान आए और जल्‍दी ही कब्र को खोदकर कंजूस को निकाला। मरने के बाद क्‍या होता है, यह हाल सुनाने के लिए कंजूस को राजा के पास चलने को कहा। कंजूस ने राजा के नौकरों की बात को थोड़ा भी नहीं सुना।
    

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