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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || CPCT_Admission_Open

created Jun 11th 2019, 08:50 by my home


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बेरोजगारी हमारे देश की भयवह समस्‍या है। यह मानवीय समस्‍याओं में सर्वाधिक घातक और अन्‍य समस्‍याओं की जननी है बेरोजगारी युवक/युवतियों के सम्‍मुख इससे उबरने के दो उपाय हैं- पहला नौकरी प्राप्‍त करना और दूसरा स्‍वत: रोजगार अपनाना नौकरी और स्‍वत: रोजगार की दृष्टि से टंकण कला का ज्ञान अत्‍यन्‍त महत्‍वपूर्ण है।  
    सम्‍प्रति शिक्षा प्राप्ति के उपरान्‍त लगभग सभी युवक/युवतियाँ नौकरी चाहते हैं और कुछ स्‍वत: रोजगार अपनाना चाहते है, नौकरियाँ प्राय: सरकारी, अर्धसरकारी कार्यालयों, औद्योगिक/व्‍यावसायिक प्रतिष्‍ठानों, विभिन्‍न निगमों, बीमा सदृश कम्‍पनियों आदि में सुलभ हैं, आजकल सभी कार्यालयों की दिनचर्या में टंकण कार्य अनिवार्य-सा हो गया है। आए दिन टंकणों की रिक्तियों के विज्ञापन प्रकाशित होते रहते हैं, इसकी परीक्षाएँ और नियुक्तिाँ होती रहती हैं, टंकण कला का अच्‍छा ज्ञान और उच्‍च गति रखने वाले युवक/युवतियाँ बिना किसी सिफारिश के नौकरी प्राप्‍त कर सकते हैं,  
    स्‍वत: रोजगार की दृष्टि से भी टंकण कला बहुत उपयोगी है, एक कुशल टंकण सचिवालय/कचहरी/न्‍यायालय आदि जहाँ टंकण कार्य बहुलता से मिलता हो, एक टंकण मशीन अथवा कम्‍प्‍यूटर लेकर बैठ जाए तो टंकण कार्य द्वारा आसानी से अपनी अजीविका चला सकता है, कुशल टंकण के लिए काम की कमी नहीं है इस कला का ज्ञाता टंकण और आशुलिपि प्रशिक्षण केन्‍द्र खोलकर अच्‍छी आमदनी प्राप्‍त कर सकता है, मेरे विचार से एक कुशल टंकण बेरोजगार रहे यह संभव ही नहीं है,  
    टंकण प्रशिक्षण के लिए योग्‍य प्रशिक्षक का निर्देशन अत्‍यन्‍त महत्‍वपूर्ण है, उचित निर्देशन के अभाव में प्रशिक्षार्थी थोड़ा-बहुत टंकण कार्य सीख लेता हैं, लेकिन उसमें कुशलता नहीं प्राप्‍त कर पाता है। टाइपराइटर एण्‍ड कम्‍प्‍यूटर टाइपिंग में प्रशिक्षार्थियों को टंकण सिखाने के लिए बड़ी सूझ-बूझ और वैज्ञानिक आधार पर प्रशिक्षण अभ्‍यास तैयार किए गए है।  

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