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CPCT Exam-04-08-2019 Shift-2(Hindi Typing) * Icon Computer Education Chhindwara {M.P.} DCA & PGDCA CPCT Typing *Admission Open*
created Aug 9th 2019, 16:21 by YogeshPawarChhindwaraMP7278
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बहुत पहले एक शहर था जहां एक डरावनी गुफा थी, जिसके पास रात के समय रास्ता भूलकर पहुंच जाने से बात से हर कोई सबसे ज्यादा डरता था। वहां से कोई कभी वापस नहीं लौटा था, और जब भी कोई भटकर उस गुफा में पहुंच गया तो बस उसकी अंतिम दहशत भरी दशहत भरी चीख और जोर-जोर से ठहाके की कुछ आवाजें ही सुनाई देती थी। शहरवासियों को हमेशा यह आतंक सताता रहता था कि एक दिन राक्षस गुफा से बाहर निकल आएगा। इसलिए वे गुफा के द्वारा पर नियमित रूप से उपहार और भोजन रख आते थे, और ये सभी चीजें जल्द ही वहां से गायब हो जाया करती थी। एक दिन, एक युवक शहर आया, और जब उसने उस गुफा के बारे में सुना तो उसे यह बहुत गलत लगा। इसलिए उसने गुफा में घुसने और राक्षस का सामना करने का फैसला किया। युवक ने लोगों से कुछ मदद मांगी, लेकिन हर कोई इतना डरा हुआ था कि कोई भी उसके साथ गुफा के द्वार तक नहीं गया। वह मशाल की मदद से अपना रास्ता खोजते और राक्षस को पुकारते हुए उससे बात करने की कहते हुए गुफा के अन्दर गया। पहले राक्षस खूब देर तक ठहाके लगाता रहा और युवक उसकी आवाज की दिशा में चलता रहा। अंत में वह गुफा में बनी एक खोह के पास पहुंचा। खोह के पास पहुंचने पर उसे लगा कि राक्षस वहीं है और जैसे ही वह उसके पास पहुंचा उसे लगा कि किसी ने जोर से उसकी पीठ पर धक्का दिया है। धक्का लगने से वह चट्टान में बने छेद में की ओर गिरा उसे लगा कि अब वह मरने वाला है इसलिए उसने अन्तिम बार जोर से चीख मारी, और इसके बाद उसे भारी ठहाकों की आवाजें सुनाई दीं। गिरते हुए उसने सोचा किया लगता है राक्षस ने उसे निगल लिया है और अब उसकी कहानी खत्म होने वाली है। लेकिन, गिरते समय उसने संगीत भरी आवाजें सुनीं। वह नीचे एक मखमली गद्दे पर आराम से गिरा तो वे आवाजें और साफ हो गईं और उसने सहसा अपने आप को अनेक लोगों से घिरा हुआ पाया जो आमोद प्रमोद में मगन थे। उसे बहुत अचरज हुआ। ये वही लोग थे जो गुफा में आकर कभी शहर नहीं लौटे थे। उन्होंने उसे बताया यह जगह बनाने का विचार शहर के एक पुराने मेयर का था। उस मेयर ने अनेक बेहतरीन काम करने की योजना बनाई थी लेकिन लोग डर के कारण कोई नया काम शुरू करने के लिए तैयार नहीं होते थे। इसलिए मेयर ने राक्षस की कहानी प्रचलित की ताकि लोगों को पता चले की डर कर नया काम शुरू न करने से हम कितने सीमित और संकुचित हो जाते हैं। इसलिए वह युवक वहीं उन सभी लोगों के साथ रहने लगा जिन्होंने गुफा के पास जाने का साहस किया था। और शहर वाले अभी भी यही मानते हैं कि डर की गुफा में प्रवेश करना सबसे भयानक दंड हैं।
