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created Aug 13th 2019, 12:10 by GuruKhare
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फिलहाल दुनिया भर में ब्याज दरें घटाने की होड़ चल रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व पर दबाव बना रखा है कि हाल में की गई कटौती को जारी रखते हुए आगे भी ब्याज दरें घटाने पर काम करें। न्यूजीलैंड, थाईलैंड और भारत के केंद्रीय बैंकों ने भी पिछले महीने ब्याज दरों में कटौती की है। चीन ने आधिकारिक रूप से घोषणा नहीं की, परंतु माना जा रहा है कि वहां भी अंदरखाने ब्याज दरों में कटौती की गई है।
ब्याज दरों में कटौती के पीछे सोच यह है कि ब्याज दर कम होंगी तो उपभोक्ता कर्ज लेकर बाइक अथवा टीवी खरीदेंगे, जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी। इसके साथ ही ब्याज दर न्यून होने से निवेशकों के लिए कर्ज लेकर फैक्ट्री लगाना आसान हो जाएगा और वे बाइक एवं टीवी इत्यादि बनाने के कारखाने लगाएंगे। इस प्रकार उपभोक्ता की मांग और निवेशक की आपूर्ति के बीच एक सही चक्र स्थापित हो जाएगा, लेकिन प्रश्न है कि क्या वास्तव में ऐसा होगा। इसकी पड़ताल के लिए हम अमेरिकी अर्थव्यवस्था का विश्लेषण कर सकते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि अमेरिका द्वारा अपनाई गई नीतियों को ही दुनिया के तमाम देश अपनाते नजर आ रहे हैं।
ब्याज दरों में कटौती के पीछे सोच यह है कि ब्याज दर कम होंगी तो उपभोक्ता कर्ज लेकर बाइक अथवा टीवी खरीदेंगे, जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी। इसके साथ ही ब्याज दर न्यून होने से निवेशकों के लिए कर्ज लेकर फैक्ट्री लगाना आसान हो जाएगा और वे बाइक एवं टीवी इत्यादि बनाने के कारखाने लगाएंगे। इस प्रकार उपभोक्ता की मांग और निवेशक की आपूर्ति के बीच एक सही चक्र स्थापित हो जाएगा, लेकिन प्रश्न है कि क्या वास्तव में ऐसा होगा। इसकी पड़ताल के लिए हम अमेरिकी अर्थव्यवस्था का विश्लेषण कर सकते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि अमेरिका द्वारा अपनाई गई नीतियों को ही दुनिया के तमाम देश अपनाते नजर आ रहे हैं।
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