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सॉंई टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा (म0प्र0) सीपीसीटी न्यू बैच प्रारंभ संचालक -लकी श्रीवात्री मो. 9098909565
created Aug 24th 2019, 11:13 by Saityping
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तकनीकी उपकारण आज हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गए है। आज हर हाथ में एक मोबाइल है, स्मार्ट फोन है। जहाँ एक ओर इन्होंने हमारी जिंदगी को बड़ा आसान बना दिया है तो वहीं दूसरी ओर इनके कारण कुछ नई आदतें भी हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन गई हैं। इन तकनीकी उपकरणों को एक-दूसरे के साथ संदेश का आदान-प्रदान करने के लिए विशेष तरंगों का उपयोग करना पड़ता है, जिनके माध्यम से हम कहीं पर भी मोबाइल से किसी से भी बात कर सकते हैं, इंटरनेट के माध्यम से मनचाही सूचनाओं से अवगत हो सकते हैं, परंतु इनके कारण एक महत्पूर्ण समस्या भी उपजी है। वह यह कि इन तरंगों के कारण हमारे चारों ओर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन का एक जाल सा बन गया है, जिसके अनेकाें दुष्प्रभाव हैं। उदाहरण के लिए रात्रि में सोने से पहले इन इलेक्ट्रॅानिक उपकरणों को अपने पास रखना और सोने से पहले इनका इस्तेमाल करना लोगों की एक सामान्य आदत बनती जा रही है, लेकिन यह आदत हमारे तंत्रिका तंत्र पर बुरा असर डालती है। इतना ही नहीं, बच्चों और युवाओं का सोने से मिनट भर भर पहले तक विडियो और मोबाइल गेम्स खेलते रहने से उनके दिमाग पर बुरा असर पड़ता है।
देर तक टीवी देखने या गेम्स खेलने का नुकसान यह होता है कि सोने के लिए प्रयास करने के बाद भी देर तक दिमाग सजग रहता है। इससे तनाव बढ़ता है, जो एड्रेनिल ग्रंथि में बनने वाले तनाव हॉर्मोन के स्तर को बढ़ा देता है। इससे शरीर में उत्तेजना बढ़ती है, जिससे मस्तिष्क को जरूरी आराम न मिलने से भी तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता है। इसके अतिरिक्त इन गैजेट्स का उपयोग करने पर इनसे निकलने वाली तरंगें भी हमारे ऊपर प्रभाव डालती है।
कई शोधों में इस बात का खुलासा हुआ है कि इन उपकरणों का उपयोग करते समय शरीर से 6 से 8 इंच की दूरी बनाए रखना जरूरी है। लैपटॉप को कभी भी अपने पैरों पर या शरीर के ऊपर रखकर उपयोग न करें, क्योंकि अक्सर लोग विश्राम की अवस्था में अपनी छाती के ऊपर रखकर इनका उपयोग करते है। निरंतर ऐसा करने से हृदय रोगों के पनपने की संभावनाएं बहुत बढ़ जाती है। शोध अध्ययनों ने इस बात का खुलासा किया है कि यदि हम इन उपकरणों को 10 से 15 मिनट अपने शरीर के संपर्क में रखते हैं, तो उस स्थान का तापमान कम से कम 2 डिग्री बढ़ जाता है।
देर तक टीवी देखने या गेम्स खेलने का नुकसान यह होता है कि सोने के लिए प्रयास करने के बाद भी देर तक दिमाग सजग रहता है। इससे तनाव बढ़ता है, जो एड्रेनिल ग्रंथि में बनने वाले तनाव हॉर्मोन के स्तर को बढ़ा देता है। इससे शरीर में उत्तेजना बढ़ती है, जिससे मस्तिष्क को जरूरी आराम न मिलने से भी तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता है। इसके अतिरिक्त इन गैजेट्स का उपयोग करने पर इनसे निकलने वाली तरंगें भी हमारे ऊपर प्रभाव डालती है।
कई शोधों में इस बात का खुलासा हुआ है कि इन उपकरणों का उपयोग करते समय शरीर से 6 से 8 इंच की दूरी बनाए रखना जरूरी है। लैपटॉप को कभी भी अपने पैरों पर या शरीर के ऊपर रखकर उपयोग न करें, क्योंकि अक्सर लोग विश्राम की अवस्था में अपनी छाती के ऊपर रखकर इनका उपयोग करते है। निरंतर ऐसा करने से हृदय रोगों के पनपने की संभावनाएं बहुत बढ़ जाती है। शोध अध्ययनों ने इस बात का खुलासा किया है कि यदि हम इन उपकरणों को 10 से 15 मिनट अपने शरीर के संपर्क में रखते हैं, तो उस स्थान का तापमान कम से कम 2 डिग्री बढ़ जाता है।
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