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बंसोड टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा, छिन्‍दवाड़ा मो.न.8982805777 सीपीसीटी न्‍यू बैच प्रांरभ (सीपीसीटी की सम्‍पूर्ण तैयारी की जाती है समय तीन घण्‍टे) संचालक-सचिन बंसोड

created Oct 10th 2019, 01:12 by Sawan Ivnati


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एक दिन एक शख्‍स एक पेड़ पर चढ़ गया। थोड़ी देर बाद उसे लगा कि यहां से नीचे उतरना उतना आसान नहीं है। उसने नीचे उतरने की काफी कोशिश की, लेकिन वह कुछ खास नहीं कर पाया। जब उसके पास बस एक ही रास्‍ता था कि वह पेड़ से कूद जाए लेकिन पेड़ इतना ज्‍यादा ऊंचा था कि उसे लगा कि अगर कूदने की कोशिश की तो चोट लग सकती है। कोई चारा देख उसने आसपास से गुजर रहे लोगों से मदद मांगी, लेकिन किसी को कोई तरीका नहीं सूझा। वहां लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। तभी भीड़ में से मुल्‍ला नसीरुद्दीन निकलकर बाहर आए और बोले घबराओ मत। मैं कुछ करता हूं। मुल्‍ला ने एक रस्‍सी उस आदमी की तरफ फेंकी और बोले कि इस रस्‍सी को अपनी कमर में कसकर बांध लो। नीचे खड़े लोग बोले कि भला यह कौन सा तरीका हुआ। कुछ ही देर में उस आदमी ने रस्‍सी को अपनी कमर में बांध लिया। मुल्‍ला ने रस्‍सी का दूसरा छोर पकड़कर खींचा। ऐसा करते ही वह आदमी पेड़ से धडाम से नीचे गिरा। गिरने से उसे बहुत चोट आईं।लोग मुल्‍ला पर भड़क गए और बोले बेवकूफ आदमी, यह क्‍या किया तुने ? मुल्‍ला ने भोलेपन से कहा मैने पहले भी एक आदमी की इसी तरीके से जान बचाई है। मैंने इस तरीके को पहले भी आजमाया है, लेकिन मुझे यह याद नहीं रहा कि उसे मैनें कुएं में से बचाया था या पेड़ पर से?

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