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साँई टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा (म0प्र0) सीपीसीटी न्‍यू बैच प्रारंभ संचालक- लकी श्रीवात्री मो0नं0 9098909565

created Oct 31st 2019, 12:17 by Saityping


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भारत के इतिहास में 1 नवंबर का बहुत महत्‍व है। यह वह तारीख है जिस दिन वर्षो पहले देश के विभिन्‍न राज्‍यों का भाषा के आधार पर पुनर्गठन करने का फैसला लिया गया था। 1 नवंबर का दिन भारत के छह राज्‍यों के इतिहास में महत्‍वपूर्ण भूमिका रखता है। साल 1956 से लेकर 2000 तक इसी दिन भारत के छह अलग-अलग राज्‍यों का जन्‍म हुआ। मध्‍य-प्रदेश, छत्‍तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक और केरल वो छह राज्‍य हैं जो एक ही दिन अपना स्‍थापना दिवस मनाते हैं। बेटर इंडिया के साथ जानिए कि कब और क्‍यों इन राज्‍यों का पुनर्गठन किया गया।  
देश के मध्‍य स्थित मध्‍य प्रदेश को भारत का दिल कहा जाता है। इस राज्‍य की स्‍थापना भी 1 नवंबर 1956 को ही हुई थी। लेकिन भारत सरकार के लिए मध्‍य प्रदेश की स्‍थापना सबसे ज्‍यादा चुनौ‍तीपूर्ण रही। दरअसल, चार प्रान्‍त मध्‍य प्रांत, पुराना मध्‍य प्रदेश, विंध्‍य प्रदेश और भोपाल को जोड़कर ही एक राज्‍य बनाना था, लेकिन असल में बड़े प्रान्‍तों में रहने वाली जनता अलग-अलग विचार, जीवशैली, खान-पान, रहन-सहन, लोक संस्‍कृति और आचार-विचार की थी। सबसे पहले भोपाल के राजतन्‍त्र को साल 1949 में खत्‍म किया गया। उस समय नवाब हमीदुल्‍लाह खान यहां कि राज-व्‍यवस्‍था सम्‍भाल रहे थे। लेकिन जब लोगों ने उनका विरोध शुरू कर दिया तो उन्‍होंने भारत सरकार की राज्‍य पुनर्गठन की नीति के तहत भोपाल को अन्‍य प्रान्‍तों के साथ विलय करके एक राज्‍य के गठन को मंजूरी दे दी। और बहुत सी बहस और विचार-विमर्श के बाद आखिरकार मध्‍य प्रदेश बना। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्‍य है। बाद में साल 2000 में 1 नवंबर के ही दिन छत्‍तीसगढ़ को मध्‍य-प्रदेश से अलग कर, एक नए राज्‍य के रूप में गठित किया गया।   

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