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साई टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 सीपीसीटी न्यू बैंच प्रारंभ संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नं. 9098909565
created Feb 14th 2020, 06:08 by sandhya shrivatri
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किसी महात्मा के पास चार चेले थे। जो कि एक दूसरे से ज्यादा गुणी थे। महात्मा का वक्त हो गया था ज्योति जात में सामने का उन्होंने सोचा चारों की परीक्षा ली जाये जो पास होगा, उसे गाद्दी देकर संसार से विदा ली जाये। यह सोचकर उसने चारो को बटेर पक्षी दिये और कहा कि अलग-अलग दिशाओं में जाओं जहां कोई न हो वहां पर इनको मारकर आओ। चारों चले गए तीन तो 2 घण्टे में ही पक्षी मारकर आ गये। चौथा शाम को आया परंतु उसके हाथ में पक्षी जिंदा था।
संत ने पूछा कि तूमने पक्षी क्यों नहीं मारा उसने कहा आपने कहा था कि जहां कोई न वहा पर मारकर आओ परंतु मालिक तो हर जगह मौजूद है इसलिए मार नहीं सका। संत ने उसे गले से लगा लिया। इसलिए कहते मालिक को हाजिर नाजिर समझों तो कभी पाप नहीं हाेगा।
संत ने पूछा कि तूमने पक्षी क्यों नहीं मारा उसने कहा आपने कहा था कि जहां कोई न वहा पर मारकर आओ परंतु मालिक तो हर जगह मौजूद है इसलिए मार नहीं सका। संत ने उसे गले से लगा लिया। इसलिए कहते मालिक को हाजिर नाजिर समझों तो कभी पाप नहीं हाेगा।
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