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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || ༺•|✤आपकी सफलता हमारा ध्येय✤|•༻
created Feb 24th 2020, 06:36 by subodh khare
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				प्रकरण में आरोपी के विरुद्ध धारा 34 आबकारी अधिनियम के अधीन आरोप है कि उसने अपने आधिपत्य में बिना बैध अनुज्ञप्ति के मदिरा रखी। अभियोजन का मामला संक्षेप में यह है कि घटना दिनांक 6 नवंबर 2002 को 6 बजे बिजली घर के सामने जबलपुर में एक कागज के कार्टून में देशी शराब के क्वार्टर 18 क्वार्टर मदिरा बिना वैध लाइसेंस के रखे हुये पाया गया। मौके पर अभियुक्त से उक्त क्वार्टर जब्त कर जब्ती पंचनामा तैयार किया गया तथा उसे गिरफ्तार कर गिरफ्तारी पंचनामा तैयार किया गया। अभियुक्त को थाना वापिस लाकर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गई। साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किये गये। जप्तशुदा मुद्देमाल की जांच कर जांच प्रतिवेदन प्राप्त किया गया। बाद विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अभियुक्त ने स्वेच्छया अपना अपराध स्वीकार किया है और अभियोजन के समस्त दस्तावेजों को सत्य होना स्वीकार किया है। यद्यपि अभियुक्त की अपराध स्वीकारोक्ति के आधार पर ही अभियोजन मामला प्रमाणित नही माना जा सकता किंतु अभियुक्त ने अभियोजन के प्रत्येक दस्तावेज को सत्य होना स्वीकार किया है। अभियोजन की ओर प्रस्तुत किये गये दस्तावेजों पर अविश्वास किये जाने का कोई कारण प्रतीत नहीं होता है। ऐसी दशा में स्वीकार किये गये दस्तावेजों के आधार पर अभियुक्त के विरुद्ध धारा 34 आबकारी अधिनियम का अपराध प्रमाणित होता है। अत: आरोपी को उपरोक्त अपराध के लिये दोषसिद्ध किया जाता है। जहां तक दण्ड का प्रश्न है अभियुक्त ने स्वेच्छया अपना अपराध स्वीकार किया है। अभियुक्त के विरुद्ध कोई पूर्व दोषी सिद्धी प्रमाणित नहीं है। अत: अभियुक्त के अपराध की प्रकृति एवं प्रथम अपराध को देखते हुये अभियुक्त् को न्यायालय उठने तक के कारावास और चौदह सौ चालीस रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है। अर्थदण्ड की राशि अदा न करने पर अभियुक्त को सात दिवस का सश्रम कारावास भुगताया जावेगा। अभियुक्त को न्यायालय के उठने तक के कारावास और उसके द्वारा अर्थदण्ड की राशि जमा किये जाने पर न्यायिक से स्वतंत्र किया जावे। प्रकरण में जब्तशुदा मुद्देमाल मदिरा के 18 क्वार्टर नियमानुसार नष्ट किये जावे।  
			
			
	        
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