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बंसोड टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा, छिन्दवाड़ा मो.न.8982805777 सीपीसीटी न्यू बैच प्रांरभ
created Feb 26th 2020, 03:25 by Vikram Thakre
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				मिठाई की दुकानों में कंटेनर या ट्रे में रखी खुली मिठाइयों के लिए भी अब दुकानदार को मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट लिखनी होगी। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ने इस वर्ष जून से स्थानीय मिठाई दुकानदारों के लिए यह नियम अनिवार्य कर दिया है। हालांकि कई शहरों के मिठाई विक्रेताओं ने यह कहते हुए इस नियम के पालन में अड़चन की बात कही है कि सुबह को बनाने और दोपहर या शाम तक बेच दी जाने वाली जलेबी और लड्डू जैसी मिठाइयों पर मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट लिख पाना कैसे संभव होगा। वर्तमान में मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट लिखने की बाध्यता केवल पैकेटबंद मिठाइयों के लिए ही है। एफएसएसएआइ को स्थानीय मिठाई दुकानदारों द्वारा खराब हो चुकी मिठाई भी बेच दिए जाने संबंधी कई शिकायतें मिली थीं। ऐसी मिठाइयों से स्वास्थ्य संभावित नकारात्मक असर को देखते हुए अथॉरिटी ने इस बारे में दिशानिर्देश जारी किए हैं। अपने आदेश में एफएसएसएआइ ने कहा, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और आम जनों के हित में यह फैसला किया गया है कि खुली और गैर-पैकेटबंद मिठाइयों के मामले में उस मिठाई के कंटेनर या ट्रे पर मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट लिखना अनिवार्य होगा। यह फैसला इस वर्ष पहली जून से प्रभावी होगा। देश के सबसे बड़े संगठन फेडरेशन ऑफ स्वीट्स एंड नमकीन मैन्यूफैक्चरर्स ने इसे अव्यावहारिक बताते हुए बदलाव की मांग भी शुरू कर दी है। फएसएनएम के डायरेक्टर फिरोज एच. नकवी ने कहा कि सरकार ने इतना बड़ा निर्णय लेने से पहले न हमसे चर्चा की, न ही भरोसे में लिया। देश में सिर्फ तीन प्रतिशत मिठाइयों की पैकिंग होती है। 97 प्रतिशत मिठाइयां खुली बिकती हैं। नकवी ने कहा कि करीब 10 दिन पहले ही एफएसएसआइ के अधिकारी के साथ बैठक हुई थी। जिस तरह का आदेश है, उसे लागू नहीं किया जा सकता। देशभर के सदस्यों से चर्चा शुरू हो गई है। दो-चार दिन में सरकार को प्रस्ताव सौंप रहे हैं कि बीच का रास्ता निकाला जाए। इतनी जल्दी और इसी रूप में इसे लागू करना अव्यावहारिक है। 
			
			
	        
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